जीवन में खुशहाली लाने के लिए ईश्वर का प्रत्यक्ष दर्शन प्राप्त करना जरुरी : साध्वी रुक्मनी

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: मुक्ता वलिया। दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम गौतम नगर में भंडारे के रूप में धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी रुक्मनी भारती जी ने कहा कि भागती-दौड़ती आधुनिक जिंदगी ने सभी को व्यस्त कर दिया है सभी के जीवन में उलझने परेशानियां उल्टे सीधे विचार लिए ताउम्र अपनी मनबुद्धि पर देते हुए। जिंदगी का सफर तय करते हैं। ऐसा नहीं कि हम इससे निकलने के लिए प्रयास नहीं करते हम प्रयास करते हैं लेकिन फिर भी इसमें फस कर रह जाते हैं।

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इस दौरान साध्वी ने कहा कि प्रत्येक मनुष्य यही चाहता है कि उसके जीवन में परेशानियों की जगह आनंद हो भाग दौड़ की थकान की जगह चैन की सांस हो। यह सब कुछ खत्म होने वाला नहीं है। इसका उधार हमें हमारे महापुरुषों ने दिया और इन बातों को धार्मिक शास्त्रों में लिख भी गए हैं। ‘‘आनंदो ब्रह्येति व्यजानात’’ अर्थात ब्रह्म ही आनंद हैं। जब तक हम अपने आधार से नहीं जुड़ते। अपनी आत्मा को नहीं जान लेते तब तक जीवन की उलझनें आप को परेशान करती रहेगी। क्योंकि इंद्रियां और संसारिक वस्तुएं हमें सच्चा आनंद नहीं दे सकती। इसलिए यही एकमात्र मार्ग है जो हमारे सभी संत महापुरूष देकर गए हैं। जो युगों-युगांतरों से मानव समाज को लाभ देता आया है।

उन्होंने कहा कि किसी महापुरुष के समक्ष जाकर अध्यात्म ज्ञान ब्रह्मज्ञान ईश्वर का प्रत्यक्ष दर्शन सनातन पुरातन मार्ग को प्राप्त करना है। अंत में साध्वी शिप्रा भारती और साध्वी पूजा भारती ने मधुर भजनों का गायन किया। जिससे पंडाल में बैठी सारी संगत खुशी से झूम उठी और सारा ही पंडाल आनंदित हो उठा। इस अवसर पर लंगर का प्रबंध भी किया गया। इस अवसर पर भारी मात्रा में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

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