जातिवाद, प्रांतवाद, भाषावाद और ऊंच-नीच का हुआ अब अंत : प्रेमनाथ जोशी

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़, रिपोर्ट: गुरजीत सोनू। विश्व में समानता लाने के लिए युगोंयुगांत्रों से प्रयास होते रहे हैं, जिसके लिए प्रभु श्रीराम ने छुआ-छूत मिटाने के लिए मां भिलनी के झूठे बेरों का रसा स्वादन किया तो कभी निशाद राज को गले लगाया! तो कर्म का पाठ पढ़ाने वाले भगवान श्री कृष्ण जी ने गरीब मित्र सुदामा को गले लगाकर पूर्ण राज्य तक देने का प्रयास कर डाला। समाज में बराबरी लाने के लिए होली उत्सव का शुभारंभ कर दिया! श्री गुरु नानक देव जी ने तो मानस की जात सब एको ही पहचानवो, का जयघोष कर समानता का संदेश देकर मानवता को एक सूत्र में बांधा।

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संत तुलसी दास जी ने सीया राममय सब जग जानी करहूं प्राणम जोड़ी युग पाणी कह कर समाज को ही महान माना! संत कबीर जी ने तो इक्को इक तूंही तूं समाज को एक सूत्र में पिरोने का भ्रस्क प्रयास किया! स्वामी दयानंद जी सरस्वती जी ने समाज सुधारों में ही जीवन समर्पित कर डाला! माक्र्स और लेनिन ने भी समाज में समानता लाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी! राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रघुपति राघव राजा राम पतित पावन सीता राम कहकर भारत की जनता को एक सूत्र में पिरोकर देश को स्वतंत्र भी करवा डाला। शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू ने अपनी जवानी ही देश को अर्पण कर डाली!

भारत सरकार ने भी जातपात समाप्त करने के लिए जाति मुक्त समाज की संस्थापना के लिए अनेकों प्रोत्साहन देने की प्रथा चलाई, परंतु हमारा प्रैस मीडिया व इलैक्ट्रोनिक मीडिया जाति प्रथा, प्रांतवाद, भाषावाद, ऊंंच नीच आदि के अनेक भेदभावों में जनता को बांटने के लिए प्रयासों में लगा रहा तो भी आज जनता ने इनके वहकावों में न आकर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री चुनकर देश में एक समभाव की जो गंगा बहाई है इसे विश्व, युगोयुगात्रों तक स्मरण रखेगा और मोदी जी भारत को पुन: विश्व गुरू बना देंगे। इससे विरोधियों को सबक लेना चाहिए, तो ही युवा वर्ग की आशाएं व आक्षाएं फली भूत होगी और भारत उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा।

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