रेलवे मंडी स्कूल: प्रिंसिपल ने जोखिम में डाली छात्राएं, पुलिस ने समझा बेटियों का दर्द, घर पहुंचाने का किया प्रबंध

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कलर चैनल में दिखाये जा रहे एक सीरियल में भगवान वाल्मीकि जी के रुप को गलत पेश करने के रोष स्वरुप भगवान वाल्मीकि धर्म समाज व अन्य संगठनों की तरफ से पंजाब बंद की काल दी गई थी। इसके चलते जहां एहतियात के तौर पर अधिकतर शिक्षण संस्थानों द्वारा अपने स्तर पर ही बच्चों को छुट्टी कर दी गई थी, मगर सरकारी तौर पर छुट्टी संबंधी कोई फरमान जारी न होने से सरकारी शिक्षण संस्थान खुले रहे। हालांकि 13 अगस्त को कुछेक संगठनों द्वारा जब बंद की कॉल दी गई थी तो प्राइवेट एवं सरकारी संस्थानों में एहतियात के तौर पर छुट्टी कर दी गई थी। मगर इस बार प्रशासन द्वारा ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया।

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जिसके चलते बंद होने के कारण बच्चों को जहां स्कूल पहुंचने व छुट्टी के समय घर पहुंचने में काफी दिक्कत पेश आई। एक तरफ जहां कई स्कूल समय पर लगे व बंद हुए वहीं सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़कियां रेलवे मंडी खुला तो समय पर, मगर बंद को देखते हुए स्कूल प्रबंधकों द्वारा 10-साढे 10 बजे ही छुट्टी कर दी गई, जिस कारण छात्राओं को परेशान होना पड़ा। बंद के कारण यातायात साधन न चलने से वे घर जाने के लिए परेशानी दिखी। सरकारी कालेज चौक, रेलवे मंडी चौक तथा प्रभात चौक के अलावा बस स्टैंड पर छात्राओं को बस, ऑटो व अन्य साधनों का घंटों इंतजार करना पड़ा।

छात्राओं को परेशान देखकर सरकारी कालेज चौक पर खड़े पुलिस मुलाजिनों ने ऑटो रुकवाकर छात्राओं को उनके घर के समीप छोडऩे की बात कही और बच्चियों को उनमें बिठाकर घर के लिए रवाना किया। मौके पर मौजूद पुलिस मुलाजिमों ने बताया कि उन्होंने बच्चों को परेशान देखा तो ऑटो चालकों की मिन्नत आदि की और बच्चियों को घर छोडऩे के लिए राजी किया। ऑटो चालकों ने भी सहयोग देते हुए बंद के बावजूद बच्चों से जायज पैसे लेने की बात कही।

पुलिस द्वारा बच्चियों को सुरक्षित घर पहुंचाने हेतु पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयास की सभी ने सराहना की। जल्दी छुट्टी होने से छात्राओं के अभिभावक भी खासे परेशान दिखे। हालांकि भावधस की तरफ से बंद की कॉल के तहत पूरी तरह से शांतिरपूर्वक तरीके से बंद करवाया गया और सहयोग के लिए उन्होंने शहर निवासियों का धन्यवाद भी किया। मगर, कुछेक संगठनों से जुड़े लोग हथियारों से लैस होकर भी घूम रहे थे तथा ऐसे में छोटी सी चूक बड़े हादसे का कारण बन सकती थी। क्योंकि, भीड़ में कई लोग ऐसे भी नजर आए जोकि कथित तौर पर नशे की हालत में थे। ऐसे में अगर किसी बच्चे को कुछ हो जाता तो जिम्मेदारी किसकी होती, इसका जवाब शायद किसी के पास नहीं होता। और तो और हर कोई एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल अपने फर्ज की इतिश्री करने की खानापूर्ति करता।

स्कूल में समय से पहले छुट्टी किए जाने और छात्राएं घर कैसे पहुंचेंगी इसका प्रबंध किए बिना यह कदम क्यों उठाया गया संबंधी प्रिंसिपल ललिता अरोड़ा से बात करने के लिए उनके दोनों मोबाइल नंबरों पर संपर्क साधा गया। लेकिन एक नंबर कवरेज क्षेत्र से बाहर आ रहा था तो दूसरा बंद था। इसके उपरांत जिला शिक्षा अधिकारी मोहन सिंह लेहल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्कूलों में छुट्टी संबंधी कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। रेलवे मंडी स्कूल में छुट्टी क्यों की गई इस संबंधी जांच करवाई जाएगी।

स्कूल में अचानक छुट्टी करने से सडक़ पर परेशान होती बच्चियों संबंधी जब एस.डी.एम. मेजर अमित सरीन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच संबंधी कहा जाएगा व जो भी बनती कार्यवाही हुई उसे अमल में लाया जाएगा।

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