क्या है नवरात्रों में मां के स्वरूपों की पूजा का महत्व: पं. श्याम ज्योतिषी

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: जतिंदर प्रिंस। आज 29 सितंबर को नवरात्रों के शुभ अवसर पर पं. श्याम ज्योतिषी ने श्रद्धालुओं को विशेष जानकारी देने हेतु नवरात्रों में मां भगवती के स्वरूपों की पूजा का महत्व बताया। उन्होंने 9 देवियों के स्वरूप का महत्व एवं किन नवरात्रों में किस देवी मां की पूजा अर्चना करनी चाहिए इस संबंधी विस्तारपूर्वक बताया।

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मां शैलपुत्री- मां दुर्गा का पहला ईश्वरीय स्वरूप शैलपुत्री है, शैल का अर्थ शिखर है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में शैलपुत्री को पर्वत की बेटी के नाम से जाना जाता है तथा नवरात्रों का शुभारंभ इन देवी मां के आशीर्वाद से होता है।

मां ब्रह्मचारिणी- दूसरे नवरात्र पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करनी चाहिए। ब्रह्मचारिणी का अर्थ असीम, अनन्त में विद्यमान, गतिमान है। एक उर्जा जो न तो जुड़ न ही निष्क्रिय है, किन्तु वह जो अनंत में विचरण करती है।

मां चंद्रघंटा- तीसरे नवरात्र में मां चंद्रघंटा के स्वरूप को समर्पित मनाया जाता है इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करनी चाहिए। जिस प्रकार चन्द्रमा घटता व बढ़ता रहता है परन्तु उसका कार्य रोशनी प्रदान करना ही होता है उसी प्रकार घंटा का अर्थ है घडिय़ाल। मंदिरों में भी किसी भी आकार से घंटी बजाई जाए ध्वनि में कोई बदलाव नहीं होता। चंद्र एवं घंटा का अस्तित्व एक ही है।

कुण्माण्डा- नवरात्रि में चौथे दिन देवी मां को कुण्मांडा के रूप में पूजा जाता है। इपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानि ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुण्मांडा नाम से अभिहित किया गया है।

स्कंदमाता- देवी मां का पांचवा रूप स्कंदमाता के नाम से प्रचल्लित है। भगवान कार्तिकेय का एक नाम स्कन्द भी है जो ज्ञानशक्ति और कर्मशक्ति के एक साथ सूचक हैं।
कात्यायनी- नवरात्रों में छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि कात्यायनी मां की उपासना और अराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ,धर्म,काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ती हो जाती है।

कालरात्रि- मां के सप्तम रूप का नाम है मां कालरात्रि जोकि मां का अति भयावह व उग्र रूप है। सम्पूर्ण सष्टि में इस रूप से अधिक भयावाह और कोई दूसरा रूप नहीं है किन्तु फिर भी मां का यह रूप ज्ञान व वैराग्य प्रदान करता है।

महागौरी- मां दुर्गा जी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गा पूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है तथा इमकी शक्ति अमोघ व सद्य: फलदायिनी है।

सिद्धिदात्री: नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां दुर्गा की नौंवी शक्ति देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने से भक्तों को सारी सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

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