नवदा भक्ति के किसी एक अंग को अपनाकर पार किया जा सकता है भव सागर:डा. महेश

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। श्रीमद्भागवत प्रचार एवं गौसेवा समिति होशियारपुर की तरफ से गोपाल मंदिर में करवाई जा रही कथा के दूसरे दिन कथा करते हुए डा. महेश गोस्वामी जी महाराज भागवत भूषण ने नवदा भक्ति के नौ आंगों का वर्णन किया।

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महाराज श्री ने कहा कि इन अंगों में से किसी एक को भी अपनाने से भव सागर को पार किया जा सकता है। कुंती के बारे में बताते हुए महाराज ने कहा कि जब युद्ध के बाद ठाकुर जी पाण्डवों को छोडक़र जाने लगे तो कुंती ने कहा कि प्रभु आप हमें छोडक़र मत जाओ। चाहे संसार के सभी दुख मेरी झोली में डाल दो। कुंती जैसा वरदान कोई नहीं मांग सकता। परन्तु श्री ठाकुर जी ने कहा कि गंगा जी के किनारे मेरा कोई इंतजार कर रहा है, मुझे जाना है और उधर गंगा जी के तट पर भीष्म पितामह तीरों की शैया पर लेटे ठाकुर जी का इंतजार कर रहे थे। ठाकुर जी के आने पर उनका दर्शन पाकर भीषम पितामह ने अंतिम सांस ली। महाराज जी ने बताया कि हमें प्रभु का भजन, संकीर्तन और कथा का श्रवण एकाग्र चित होकर करना चाहिए। उन्होंने भजनों के माध्यम से उपस्थिति को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान मुख्य यजमान अर्जन दास बांसल व मीना रानी एवं यजमान के तौर पर सुरेश बांसल व रीतू बांसल ने पूजा अर्चना की।

इस मौके पर प्रधान राजेश बांसल, सचिव राजन सरीन, कोषाध्यक्ष दविंदर सरीन, चेयरमैन संजीव अरोड़ा, सतीश बांसल, सुरेश बांसल, उमेश गुप्ता, संजीव शर्मा, रमेश गुप्ता, राजेश सरीन, राजीव शर्मा, दीपक धीर, विकास धीर, सुदेश शर्मा, आशा ठाकुर, कमल सरीन, ऊषा बजाज, पूजा बांसल, दीपक शर्मा, पार्षद सुरेध भाटिया बिट्टू, धरमिंदर मोदगिल, कपिल शर्मा, रमेश अग्रवाल, नरेश गुप्ता, मनोहर लाल आदि मौजूद थे।

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