प्रदेश से लौटे 18 लोगों को ग्रामीणों नें गांव में प्रवेश से रोका

बछवाड़ा/बेगूसराय (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: राकेश यादव। जहां समूह भारत में कोरोना कहर के प्रकोप से बचने के लिए आम लोग अपने-अपने घरों में दुबके हुए हैं, वहीं सुदूर गांव-देहात के लोग भी इसके संक्रमण से बचने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। कोरोना इफेक्ट के प्रति सक्रियता दिखाते हुए बेगूसराय व समस्तीपुर के सीमा पर बसे गांव रसीदपुर में प्रदेश से लौटे 18 लोगों को गांव में प्रवेश पर रोक लगा दिया है।

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*12 घंटे बाद पहुँची मेडिकल टीम*

यह वाक्य उस समय हुआ जब मंगलवार की देर रात कोलकत्ता से लौटे 18 लोगों से भरा एक ट्रक गांव के चौक पर रूका। आसपास बसे सजग ग्रामीणों के कान खड़े हो गए। कुछ लोग जब बाहर निकल कर देखा तो बहुत सारे प्रदेशी लौटे हैं, उन्होंने परदेसियों को वहीं रूकने को कहा। इसपर पहले तो कुछ देर तक परदेसियों व ग्रामीणों के बीच कुछ देर तक कहासुनी होती रही। इन्ही कहासुनी की शोरशराबे को सुन अन्य ग्रामीण भी इक_े हो गये और गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी। तत्पश्चात प्रशासनिक अधिकारियों को संदिग्ध परदेसियों के आने की सुचना दी।

मगर अधिकारियों नें सुबह होने पर जांच पड़ताल की बात कहकर कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद भी ग्रामीणों नें हार नहीं मानी। संक्रमण के प्रति जागरूकता दिखाते हुए उक्त कुल 18 परदेसियों को प्राथमिक विद्यालय चकदिलार में तत्काल शिफ्ट कर दिया है। जहां ग्रामीण स्तर पर रहन-सहन व भोजन की व्यवस्था की जा रही है।

हलांकि संदिग्ध परदेसियों के लिए प्रशासनिक तौर पर प्रखंड मुख्यालय स्थित आदर्श मध्य विद्यालय नारेपुर को आइसोलेशन सेंटर के रूप में स्थापित किया गया है। मगर ग्रामीणों के सजगता से स्वस्थापित आइसोलेशन सेंटर के आगे प्रशासनिक तैयारी फिका साबित हो रहा है।

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