शामचौरासी: दुकान खोलकर पूर्व पार्षद ने दिखाया सरकार के आदेशों को ठेंगा

शामचौरासी (द स्टैलर न्यूज़)। एक तरफ जहां पूरे विश्व में कोरोना वायरस जैसी महामारी के चलते सरकार द्वारा सख्त रूख अपनाते हुए पूरे भारत में करफ्यू की घोषणा की गई हैं। वहीं, दूसरी तरफ शामचौरासी में करफ्यू दौरान एक पूर्व पार्षद द्वारा अपनी दुकान को सरेआम खोलकर सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है। जबकि, जिला प्रशासन द्वारा दुकान खोले बिना होम डिलीवरी किए जाने के आदेश हैं।

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पत्रकार द्वारा करफ्यू का उल्लंघन करने संबंधी पूछने पर दुकानदार द्वारा पत्रकार को धमकाया जाने लगा व इस दौरान पूर्व पार्षद तथा उनके साथ मौजूद एक अन्य दुकानदार द्वारा पत्रकार को धमकाते हुए झूठा मामला दर्ज करवाने की धमकी दी गई। दुकानदार का कहना था कि वे दुकान खोल रहे हैं और खोलेंगे, उसे किसी का डर नहीं है और उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उसे सभी जानते हैं। पत्रकार द्वारा कोरोना वायरस के संक्रमण के बारे में जब दुकानदार से बात की गई तो उसने बिना कुछ जाने अपने प्रभाव की धमकी देना शुरु कर दी।

उसके साथ खड़ा व्यक्ति भी पत्रकार को धमकाने लगा। वह इतनी जोर से बोल रहा था कि आसपास के लोग भी बाहर निकलकर देखने लगे। ऐसा लग रहा था कि जैसे पूर्व पार्षद पहुंच के नशे में तो था ही साथ ही उसने कुछ नशा भी किया हुआ था। वो जोर-जोर से बोल रहा था कि जिसे उसकी फोटो खींचनी है खींच लो, उसका कोई कुथछ नहीं बिगाड़ सकता। इस पर पत्रकार ने दुकान खुली होने संबंधी पुलिस को सूचना दी। लेकिन दुख की बात यह रही कि किसी भी पुलिसकर्मी ने मौके पर पहुंचकर कोरोना वायरस की गंभीरता को समझते हुए दुकान बंद करवाने की जहमत नहीं उठाई। खबर लिखे जाने तक दुकान खुली थी और लोग वहां आ-जा रहे थे।

यहां जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है कि एक तरफ सडक़ों पर घूमने वाले और दुकान आदि खोलने वाले लोगों पर प्रशासन द्वारा मामले दर्ज किए जा रहे तथा पुलिस द्वारा डंडे की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन सूचना दिए जाने के बावजूद कार्यवाही न किया जाना कहीं न कहीं मिलीभगत की तरफ इशारा करता है। कोरोना वायरस से पैदा हुई स्थिति के कारण बंद के चलते जनता को पेश आ रहीं समस्याओं को सभी भलीभांति समझते हैं, लेकिन लोग इसकी पकड़ में न आएं इसके लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। लेकिन ऐसे नासमझ लोग खुद को भी खतरे में डाल रहे हैं और दूसरों के लिए भी गड्ढा खोद रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को किस प्रकार लेते हुए कार्यवाही को अंजाम देता है।

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