कोरोना वायरस के चलते ड्यूटी को दी प्राथमिकता, पिता की अस्थि प्रवाह न कर सके एस.एम.ओ. डा. बलविंदर

जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। जहां रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा, किसी चिराग का अपना मकां नहीं होता। यह पंक्तियां आज के दौर में हर उस व्यक्ति, कर्मचारी व अधिकारी को समर्पित है, जो कि कोरोना वायरस के मद्देनजर अपने निजी हितों को दरकिनार कर समाज व देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा रहा है। समाज के ऐसे ही कुछ प्रहरी है, जो कि अपने परिवार पर मुश्किलें आने के बाद भी समाज के प्रति अपने कर्तव्य को बाखूबी निभा रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स है होशियारपुर के हाजीपुर ब्लाक के एस.एम.ओ. डाक्टर बलविंद सिंह, जो कि पिता की मौत हो जाने के बाद भी उनकी अस्थियां जल प्रवाहित नहीं करने जा सकें, क्योंकि उनके लिए निजी हित से ज्यादा लोगों का स्वास्थ्य पहले था।

Advertisements

-सरकार व जिला प्रशासन के अक्स को और निखारते हैं डा. बलविंदर जैसे अधिकारी: डिप्टी कमिश्नर

डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने कहा कि एस.एम.ओ. हाजीपुर डा. बलविंदर सिंह जैसे अधिकारी जहां समाज के लिए प्रेरणा ोत है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को ऐसे मेहनती अधिकारियों पर गर्व है, जो नाजुक दौर में अपनी व परिवार की फिक्र छोड़ कर जनता की सेवा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मुश्किल हालातों में पूरी जिम्मेदारी से ड्यूटी निभाने वाले अधिकारी व कर्मचारी सरकार व जिला प्रशासन के अक्स को और निखारते हैं, जो परिवार पर आई मुश्किल के दौरान भी अपनी ड्यूटी को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने कहा कि जिले के स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी लोगों को स्वस्थ रखने के लिए बहुत ही कड़ी ड्यूटी निभा रहे हैं, इस लिए लोगों का भी कर्तव्य बनता है कि वे सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए घर बैठ कर अपनी जिम्मेदारी निभाएं।

– कहा, पिता ने ही सिखाया परिवार से पहले समाज की चिंता करो

डाक्टर बलविंदर सिंह ने बताया कि उनके पिता उनके पास रहते थे, अभी कुछ दिन पहले ही उन्होंने पिता जी को अपने बड़े भाई के पास फरीदकोट छोड़ा था क्योंकि कोरोना वायरस के चलते वे पिता जी की देखभाल के लिए ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। उन्होंने बताया कि उनके पिता की आयु 94 वर्ष थी और वे बिल्कुल स्वस्थ थे, लेकिन अचानक 1 अप्रैल को उनका निधन हो गया। उनके निधन की सूचना जब उन्हें मिली तो वे ड्यूटी पर थे और काम निपटा कर वे शाम को सीधा श्मशानघाट पिता के संस्कार के लिए पहुंचे और दोबारा फिर अगले दिन से अपनी ड्यूटी संभाल ली।

उन्होंने पिता जी की अस्थियां प्रवाहित करने के लिए बड़े भाई को कहा, ताकि वे अपने ब्लाक में अपनी ड्यूटी संभाल सके। डाक्टर बलविंदर सिंह ने कहा कि मन में दुख भी था कि पिता के अंतिम दिनों में वे उनके पास नहीं थे और वे अस्थियां प्रवाहित करने भी जा नहीं सके, वहीं सुकून इस बात का था कि वे समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे थे, जिसके लिए पिता ने उन्हें डाक्टर बनाया है। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने ही सिखाया था कि परिवार से पहले समाज की चिंता करो और वे इसी सीख पर चल रहे हैं।

डा. बलविंदर सिंह ने बताया कि उनके ब्लाक में 25 सब सैंटर है और सभी सैंटरों को उन्होंने नियमित तौर पर चैक किया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने ब्लाक में 143 घरों को क्वारंटाइन किया है, इसके अलावा ब्लाक में 150 एन.आर.आई. है, और लोगों के स्वास्थ्य को लेकर सभी का नियमित तौर पर फालोअप किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ब्लाक की पूरी टीम लोगों को सामाजिक दूरी बनाने, मास्क पहनने, 20 सैंकेंड तक साबुन से अच्छी तरह हाथ धोने व अल्कोहल बेस्ड सेनेटाइजर का प्रयोग करने के लिए प्रेरित कर रही है और बड़ी ही मेहनत से काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य है कि ब्लाक में सभी लोग स्वस्थ रहें। डा. बलविंदर ने कहा कि लोग स्वस्थ रहें, इस लिए स्वास्थ्य विभाग के लोग अपने निजी हितों को छोडक़र अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपील करते हैं कि वे कफ्र्यू का पालन करें और अपने घरों में ही रहें, तभी हम एकजुटता से कोरोना जैसी बीमारी का खात्मा कर सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here