जज्बे को सलाम: 80 की उम्र में प्रितम सिंह ने फिर संभाली खेतों की कमांड, सोशल डिस्टैंस रखकर कर रहे काम

हरियाना (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: प्रीति पराशर। देश पर छाए कोरोना वायरस से आज जहां हमारी सरकारें पूरी ताकत के साथ लड़ रही हैं और हर नागरिक इस लड़ाई में अपना योगदान डाल रहा है। कोई घर रहकर तो कोई समाज व देश के प्रति अपने फर्ज को निभा रहा है। लोगों को रोजमर्रा की सब्जियां मुहैया हों इसके लिए किसानों ने भी कमर कस रखी है तथा समय पर व ताजी सब्जी लोगों तक पहुंचे इसके लिए उन्हें पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। क्योंकि, सामान्य दिनों की भांति इन दिनों में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन फिर भी किसान समाज और देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभा रहे हैं।

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अपने मेहनत से समाज व देश सेवा का परिचय देते हुए कस्बा हरियाना निवासी किसान प्रितम सिंह ने 80 साल की उम्र में देश पर छाए संकट के समय में एक बार फिर से खेती की कमांड संभाल ली है। वे खुद खेतों में जाकर सब्जी की तुड़वाई करवाते हैं और इस दौरान वे सोशल डिस्टैंस का भी पूरा ध्यान रखते हैं। सब्जी की तुड़वाई और भराई के दौरान भी सफाई का ध्यान रखते हैं। इस उम्र में समाज और देश सेवा के जज्बे से काम कर रहे प्रितम सिंह सोढी का कहना है कि इस संकट की घड़ी में जिससे जो बनता हो समाज व देश के लिए करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के कारण देश और दुनिया पर ऐसा संकट छाया है जिसने लोगों को घरों में दुबके रहने को विवश कर दिया है। ऐसे में लोगों को रोजमर्रा की जरुरतों का सामान उनके घर पर ही मिले व इसमें सब्जी भी महत्वपूर्ण है।

इसलिए उन्होंने फैसला किया कि वे खुद खेतों में जाकर काम करेंगे और करवाएंगे तथा सरकार की हिदायतों का पालन करते हुए सोशल डिस्टैंस रखकर इस प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है। सब्जी के क्या दाम ले रहे हैं संबंधी पूछे गए सवाल पर प्रितम सिंह का कहना है कि वैसे तो सरकार सब्जी के रेट तय कर रही है परन्तु उन्हें इस बात को कई लालच नहीं है कि उन्हें इस समय में महंगी सब्जी बेचकर ज्यादा पैसे कमाने हैं। वे तो सरकार द्वारा तय दाम से कम में भी सब्जी बेच रहे हैं तथा कई लोगों को तो बिना पैसे लिए ही सब्जी दे देते हैं ताकि वे ताजी सब्जी के साथ खाना खा सकें।

प्रितम सिंह के हौंसले और जज्बे को हम सलाम करते हैं, जो वे इस उम्र में भी समाज और देश की सेवा के लिए पूरा दिन खेतों में काम करके लोगों को ताजी सब्जी पहुंचाने के काम में लगे हैं। उनकी यह कार्य भी उसी प्रकार नेक एवं पुण्य कार्यों में शामिल है जो जरुरतमंदों को अन्न व राशन मुहैया करवाने के लिए दिन रात मानवता की सेवा में लगे हैं।

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