हिस्ट्री की परीक्षा पद्धति में बदलाव का लेक्चरर व अध्यापकों ने किया स्वागत

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-2021 के लिए 11वीं व 12वीं कक्षा के हिस्ट्री की परीक्षा पद्धति में किए गए बदलाव का हिस्ट्री पढ़ाने वाले लेक्चरर व अध्यापकों ने जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इसे समय अनुसार लिया गया फैसला बताते हुए कहा कि इससे विद्यार्थी में इतिहास को जानने के प्रति लगन पैदा होगी।

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इस संबंध में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल चौहाल के संदीप कुमार सूद ने कहा कि नई परीक्षा पद्धति से बच्चों को विषय की पूरी जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नई परीक्षा पद्धति में बच्चों को हर चैप्टर को अच्छी तरह से करना होगा। क्योंकि, इस बार एक-एक अंक के 20 प्रश्न परीक्षा में आएंगे। इसके अलावा कोंप्रिहेंसिव प्रश्न करने से बच्चों की जिज्ञासा और बढ़ेगी।

इसके अलावा इस बार पूरे सिलेबस के 4 यूनिट बनाए गए है। विद्यार्थी को अच्छे अंक लेने के लिए हरेक यूनिट को अच्छे ढंग से करना होगा। सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल शेरगढ़ के मनोज कुमार दत्ता ने कहा कि पिछले समय से देखा गया है कि बच्चे छोटे-छोटे प्रश्र करने में अधिक दिलचस्पी दिखाते हैं। इस बार बोर्ड ने उसी के हिसाब से परीक्षा पद्धति सेटल की है। इसके अलावा 6-6 नंबर के प्रश्न भी निश्चित करके उन्हें पूरे सिलेबस को खंगालने के बाद उत्तर लिखने की दिशा में आगे बढ़ाया है।

उन्होंने मैथ के प्रश्नों को यथावत रखने के लिए भी बोर्ड की सराहना की। सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल रेलवे मंडी के रविंदर रवि ने कहा कि नई परीक्षा पद्धति में प्रोजेक्ट वर्क सबसे अहम बात है। इससे बच्चे को अपने विषय के बारे में दूसरों से भी जानने का मौका मिलेगा तथा उसे फील्ड में जाकर काम करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। इससे उसकी स्किल का अंदाजा भी लगाया जा सकेगा।

इसके अलावा उसके होमवर्क आदि पर भी ध्यान दिया जाएगा और बच्चा किसी भी हालत में पढ़ाई से हटकर नहीं रह सकेगा। उन्होंने परीक्षा पद्धति नए सिरे से निर्धारित करने पर शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों का तह दिल से स्वागत किया।

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