होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। पूर्व मेयर शिव सूद द्वारा जारी एक प्रैस नोट में बताया कि सरकार की तरफ से लाकडाऊन व करफ्यू लोगों को घर रहकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हेतु लगाए गए हैं, ताकि कोरोना से बचाव हो सके। परंतु देश व मानवता के हितों का ख्याल एक तरफ रखके यहां के कांग्रेसी नेताओं ने 188 धारा व करफ्यू का लाभ भी अपने राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए शुरू कर दिए हैं। इसी की आढ़ में जो सरपंच व पार्षद चुने हुए नुमाइंदों को एक तरफ रखकर सरकारी राहतों का वितरण आधारहीन नेताओं को सौंपा गया। जिससे जनता की नुमाइंदगी करने वाले व्यक्ति को नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है तथा जनता को बांटे गए सामान की जवाबदेही लोगों को नहीं मिल रही।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रभाव के चलते कांग्रेसियों को करफ्यू पास रेवडिय़ों की तरह बांटे गए। जबकि समाज में जरूरतमंदों के लिए राहत कार्य करने वाले लोगों को झूठे मामलों में फंसा कर नाकाम कोशिशें की जा रही हैं। श्री सूद ने कहा कि पार्टी के निर्देशानुसार हमने जो राहत कार्य शुरू किए थे उसमें भी स्थानीय मंत्री द्वारा अड़चने डालनी शुरू कर दी गई थी, तथा मेरे जैसे जिम्मेदार व्यक्ति का भी 3 बार आनलाइन पास का आवेदन करने के बावजूद भी उसे बिना किसी कारण रद्द कर दिया गया। इससे बड़ा पक्षपात का उदाहरण क्या हो सकता है।
श्री सूद ने कहा कि राहत कार्यो में लगे भाजपा नेताओं पर झूठे केस बनाकर व उनकी सुनवाई न करके कांग्रेस ने आपातकाल के दिनों की याद दिलवा दी। आज पंजाब में इमरजैंसी जैसे हालात पैदा हो गए हैं जिसमें राजनीतिक विरोधियों की पुलिस प्रशासन के माध्यम से जुबान बंद करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सबको कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लडऩी चाहिए इसलिए सरकार व प्रशासन को सबको साथ लेकर चलना चाहिए। श्री सूद ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भाजपा नेताओं सतीष बावा, बब्बू संधू, शम्मी वालिया आदि नेताओं पर झूठे दर्ज किए गए केसों को वापिस लिया जाए तथा इस मामले की गहनता से जांच करवाई जाए।