अब तक 98,125 मीट्रिक टन गेहूं की हो चुकी खरीद: जिलाधीश

होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि जिले की मंडियों में निर्विघ्न गेहूं की खरीद की जा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक अलग-अलग एजेंसियों की ओर से 98125 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कर ली गई है। उन्होंने बताया कि पनग्रेन की ओर से 22607 मीट्रिक टन, मार्कफैड की ओर से 17313, पनसप की ओर से 22189, पंजाब स्टेट वेयर हाउस कार्पोरेशन की ओर से 10734 व एफ.सी.आई. की ओर से 24159 मीट्रिक टन व प्राइवेट व्यापारियों की ओर से 1123 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है।

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अपनीत रियात ने कहा कि किसानों को मंडियों में किसी तरह की समस्या नहीं आने दी जागी व पंजाब सरकार की ओर से मंडियों से गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां मंडियों में जहां सुचारु ढंग से गेहूं की खरीद की जा रही है, वहीं कोविड-19 के प्रभाव को फैलने से रोकने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बरकरार रखने के अलावा किसानों व मजदूरों के लिए मास्क व सैनेटाइजर की सुविधा सहित रोगाणु मुक्त छिडक़ाव लगातार यकीनी बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसान किसी भी तरह की जानकारी या शिकायत के लिए कंट्रोल रुम के नंबर 01882-22663 पर संपर्क कर सकते हैं।

डिप्टी कमिश्नर ने जहां गेहूं की सुचारु खरीद करने के निर्देश दिए, वहीं संबंधित अधिकारियों को 48 घंटों में लिफ्टिंग यकीनी बनाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि गेहूं की कटाई के लिए सुबह 10 बजे से सांय 7 बजे तक ही कंबाइने चलाने की छूट दी गई है, इस लिए इस समय के दौरान ही कंबाइनें चलाई जा सकती हैं। उन्होंने सख्त हिदायत करते हुए कहा कि यदि उक्त समय से पहले या बाद में कंबाइनें चलाई जाती हैं, तो संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

अपनीत रियात ने कहा कि सरकार की ओर से निर्धारित मापदंड से अधिक नमी वाला गेहूं मंडियों में न लाया जाए। उन्होंने कहा कि गीले गेहूं की मंडियों में एंट्री नहीं होने दी जाएगी, इस लिए गेहूं सूखा कर ही मंडियों में लाया जाए। उन्होंने कहा कि गीले गेहूं को खरीद एजेंसियां खरीदने में असमर्थ होती है, जिससे किसानों को गेहूं बेचने के लिए बिना वजह परेशान होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर कूपन सिस्टम के माध्यम से गेहूं की खरीद की जा रही है व गीला गेहूं लाने वाले किसानों के कारण सूखा गेहूं लाने वाले किसानों को परेशानी का सामना न करना पड़ रहा है।

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