आरएमपी डाक्टर को खबर लगाने की धमकी देकर 30 हजार वसूलने वाले 3 पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज

टांडा उड़मुड़ (द स्टैलर न्यूज़),रिपोर्ट: रिषीपाल। करफ्यू दौरान गांव गुराला में एक खुली दुकान की फोटो खींच कर आरएमपी डाक्टर को सेहत विभाग और पुलिस कार्यवाई का डर दिखा कर पत्रकारों द्वारा रूपये वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। जिसमे शामिल टांडा इलाके के तीन पत्रकारों के खिलाफ टांडा पुलिस ने वसूली करने का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने यह मामला ठगी का शिकार हुए आरएमपी डा. जतिंदर सिंह पुत्र कश्मीर सिंह निवासी बैंस अवान के बयान के आधार पर अमित खोसला पुत्र साधुराम, रविंदर सिंह उफऱ् नानकवीर सिंह पुत्र हरजीत सिंह तथा कमल अरोड़ा पत्रकारों के खिलाफ दर्ज किया है।

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जानकारी अनुसार अपने बयान में जतिंदर सिंह ने बताया कि वह पिछले 10 साल से गांव गुराला में आरएमपी डाक्टर की दूकान करता है तथा अब कोरोना वायरस के कारण ज्यादातर अपनी दूकान बंद रखता हूँ। उसने बताया कि हमारे गाँवों के आसपास कोई मैडीकल स्टोर या कोई डाक्टर नहीं होने के कारण अगर किसी को इमरजैंसी दवाई की ज़रूरत होती है तो वह उसे दवाई देते है। पिछले महीने 13 अप्रैल को सरपंच बलजीत कौर ने उन्हें फ़ोन किया कि गांव में बच्चे बीमार हैं वह आकर दवाई दे जाए। जब उसने सुबह 6 बजे आकर चार परिवारों के बच्चों को दवाई दी तो अमित खोसला तथा नानकवीर जुपिटर स्कूटरी पर आए तथा उसकी दूकान की फोटो खींचने लगे। जब उसने तथा ब्लड प्रैशर चैक करवा रहे पंचायत सदस्य भुल्ला सिंह ने भी उन्हें ऐसा करने के बारे में पूछा कि आप डाक्टर को धमकाओ न हमने ख़ुद इमरजैंसी होने के चलते डाक्टर को बुलाया है। इतने में वह वहां से चले गए तथा बाद में गांव की सरपंच ने उन्हें फोन करके डाक्टर को खुद वहां बुलाने के बारे में बताया। डाक्टर ने बताया कि जब वह घर चला गया तो शाम को प्रेस क्लब से कमल अरोड़ा का फोन आया कि तुम्हारी खुली दुकान की हमारे पत्रकारों ने फोटो खींची हैं तथा एसएमओ टांडा डाक्टर बाली के पास शिकायत भी पहुँचा दी गई है अब तुम पर दुकान खोलने का मामला दर्ज होना है।
जतिंदर सिंह ने कहा कि उक्त पत्रकारों द्वारा उसे दोबारा धमकाते हुए कहा गया कि अब मामला दर्ज होना है और सुबह अखबार में भी तुम्हारी फोटो प्रकाशित होगी जिसके बाद एसएमओ की तरफ से भी कार्रवाई की जाएगी और 6 माह तक भी जमानत नहीं होगी। जतिंदर ने बताया कि वह उनकी इन धमकियों से डर गया था तथा अपने पिता से उनके द्वारा बनाए गए दवाब की बात की।
जतिंदर ने बताया कि उसी शाम उसका दोस्त विलियम उसके घर और कहा कि रविंदर तथा अमित ने उसे मिलने जलालपुर बुलाया है। जब उन्होंने जलालपुर जाकर दोनों के आगे काफ़ी मिन्नतें कि तो उन्होंने कहा कि वह अपने बॉस से बात करते हैं। काफ़ी देर बात करने के बाद उन्होंने कहा कि कमल अरोड़ा कह रहे हंै कि कम से कम 50 हज़ार रूपए लगेंगे और बात ठप्प कर दी जाएगी। लेकिन जतिंदर के पिता ने काफ़ी मिन्नतें की तथा कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं जिस पर पत्रकारों ने फिर कमल अरोड़ा से फोन पर बात कर की।
जतिंदर ने बताया कि पत्रकारों के साथ हमारी 30 हज़ार रूपए में बात हो गई तथा शाम को 6:30 बजे से 7 बजे के बीच उक्त तीनों अरोपियों ने उन्हें सरकारी स्कूल के समीप बुलाया। उसके पिता ने 20 हज़ार रूपये दिए तो कमल अरोड़ा ने दस हज़ार और मांगते हुए कहा कि हमारी तीस हज़ार में बात हुई है तथा वह फिर से खबर तथा कार्रवाई का डर दिखाने लगा। अगले दिन उसने अपने चाचा प्रकाश से दस हज़ार रूपये उधार लेकर जलालपुर जाकर रविंदर तथा अमित को दिए। उन्होंने 30 हज़ार रूपए लिए तथा बाद में उसको कहा कि अब हमारी बात ख़त्म हो गई है। अगर उसने इस संबंधी भी बात कि तो वह एसएमओ तथा पुलिस से मामला दर्ज करवा देंगे। बाद में जब उसके साथ हुई ठगी का पता गांव में चला तो रविंदर तथा अमित उसके दोस्त के माध्यम से सन्देश भेजते हैं कि उसने किसी के साथ 30 हज़ार वाली बात कि तो उसका हश्र बुरा होगा। अब जब करफ्यू में ढील मिली है तो पैसों की कमी के साथ जूझते हुए उसने टांडा पुलिस के पास इस बारे शिकायत की कि उसके पैसे वापिस दिलाए जाएं तथा तीनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पुलिस ने बीती रात मामला दर्ज करके अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने 2 आरोपियों रविंदर और अमित को काबू करने के बाद तीसरे आरोपी कमल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। एस.आई. साहिल चौधरी मामले की जांच कर रहे हैं।

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