होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन वैज्ञानिक ने जिला शिक्षा अधिकारी बलदेव राज को पंजाब के मुख्यमंत्री के नाम एक मांग पत्र सौंपा गया। इसमें उन्होंने कहा कि पंजाब में आप की सरकार बने हुए साढे 3 साल से अधिक समय का समय हो गया है, लेकिन इस दौरान कर्मचारियों की विशेषकर अध्यापकों की बहुत सी मांगे अभी तक अधूरी पड़ी है। होंने कहा कि पंजाब सरकार को छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट प्राप्त करके उसे तुरंत लागू करना चाहिए। इसके अलावा पंजाब के कर्मचारियों पर केंद्र के वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का प्रस्ताव सिरे से रद्द कर देना चाहिए, उन्होंने कहा कि पंजाब की भौगोलिक व सांस्कृतिक स्थिति को देखते हुए इसके कर्मचारियों पर पंजाब के छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट ही लागू की जानी चाहिए मांग पत्र में उन्होंने आगे कहा कि 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल होनी चाहिए। सभी तरह के कच्चे कर्मचारियों को पूरे वेतन स्केल के साथ पक्का किया जाए।
इसके अलावा कर्मचारियों को नाको पर तथा पुलिस विभाग के साथ लगाई गई उनकी ड्यूटीओं से उन्हें मुक्त किया जाए तथा अध्यापकों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की पदोन्नतिया तुरंत की जाए तथा पहले की तरह ही अध्यापकों की 75 प्रतिशत पदोन्नति डिपार्टमेंटल की जाए तथा सीधी भर्ती द्वारा 25 प्रतिशत भर्ती की जाए। सभी प्राइमरी स्कूलों में हेड टीचर की पोस्ट दी जाए। उन्होंने कहा कि संगठन करोना के चलते सिलेबस में कटौती का विरोध करता है इसके लिए अलग से कमेटी बनाई जाए। मिड डे मील के तहत अध्यापकों द्वारा बच्चों को जो राशन किया जाता है उसके साथ ही कैश देने की व्यवस्था बनाई जाए। प्री प्राइमरी बच्चों की देखभाल के लिए एक हेल्पर दिया जाए। करोना बीमारी को देखते हुए प्राइमरी स्कूलों से ऑनलाइन डाक मंगवाना बंद किया जाए। अगर जरूरी हो तो सीएचसी से हार्ड कॉपी मंगाई जाए क्योंकि बहुत से स्कूलों में कंप्यूटर की व्यवस्था नहीं है।
सभी स्कूलों में पीअन कम चौकीदार की पोस्ट की जाए। विक्टिमाइजेशन के तहत जारी की गई चार्जशीट वापस ली जाए, अध्यापकों की दूरदराज की गई बदलियां को रद्द किया जाए, कंप्यूटर अध्यापकों को शिक्षा विभाग में लाया जाए, विद्यार्थियों को अभी तक पूरी किताब नहीं मिली है उनको पूरी किताबें जल्द उपलब्ध करवाई जाए। इस मौके पर लेक्चरर कमल किशोर ,जतिंदर सिंह सोनी, मदनलाल ,लेक्चरर संतोख सिंह उपस्थित थे।