मुख्यमंत्री ने किसानों को धान की खरीद के लिए सभी प्रबंध मुकम्मल करने का दिलाया विश्वास

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य सरकार द्वारा धान की खरीद के लिए पुख्ता और सुचारू प्रबंध करने का विश्वास दिलाते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शुक्रवार को किसानों से अपील की कि वह धान की कटाई में जल्दबाज़ी न करें। पंजाब सरकार के धान की खरीद के लिए पूरी तरह तैयार होने बारे स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों में जल्दी फसल लाना नुकसानदायक होगा क्योंकि फसल अच्छी तरह पकी नहीं होगी। अपने फेसबुक लाइव प्रोग्राम ‘कैप्टन से सवाल’ के दौरान समराला के एक निवासी द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने किसानों से अपील की कि कटाई तब की जाये, जब फसल पूरी तरह पक जाये। अमृतसर के एक निवासी के सवाल किया कि पंजाब की सब्जियाँ देश के अन्य भागों में भेजने के लिए विशेष उड़ानें शुरू करने और अपनी पिछली सरकार के दौरान किये वादे कि सीधी खरीद के लिए उद्योगों के साथ समझौता करने के सवाल पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह निश्चित रूप से इस मसले पर गौर करेंगे। लुधियाना के एक निवासी की अपील कि डेयरी प्रौद्यौगिकी और कृषि विषयों को नौवीं से बारहवीं कक्षा तक स्कूल शिक्षा का भाग बनाने की पेशकश की जाये, पर मुख्यमंत्री ने सहमति जताते हुए कहा कि डेयरी फार्मिंग और कृषि पंजाब के ग्रामीण अर्थचारे की धुरी है और इन विषयों को वैज्ञानिक तौर पर पढ़ाने की जरूरत है।

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उन्होंने कहा कि वह इस बारे में केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे कि इन विषयों को ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार नयी संभावनाएं तलाशने के लिए नयी शिक्षा नीति की भी जाँच पड़ताल करेगी। सोशल मीडिया पर चिट्टा लेते हुए दिखाए तरनतारन के एक ए.एस.आई. के मुद्दे के बारे में ध्यान दिलाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने डी.जी.पी को इस मामले की पड़ताल करने और कार्यवाही करने के लिए कहा है, जिसमें इस ए.एस.आई.की बर्खास्तगी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने फेसबुक लाइव प्रोग्राम के दौरान खुलासा किया कि वित्त वर्ष 2021-22 के बीच छह लाख नौकरियाँ देने की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसमें से एक लाख सरकारी नौकरियाँ अगले महीने से देना शुरू कर दी जाएंगी। पी.एस.पी.सी.एल. के पदों को नतीजों के ऐलान के छह महीने बाद भी न भरे जाने संबंधी मुख्यमंत्री ने जालंधर के एक निवासी को भरोसा दिया कि लॉकडाउन के कारण देरी हुई है और सहायक लाईनमैन के लिए 2393 और सहायक इंजीनियर (इलैक्ट्रिकल) के लिए चुने गए 71 उम्मीदवारों को पहले ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। अब लेखा अफसरों, राजस्व लेखाकार और सुपरिडैंट डिवीजनल अकाउँटैंट के पदों पर चुने गए उम्मीदवारों को अगले हफ्ते नियुक्ति पत्र जारी किये जाएंगे। गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के अनुसूचित जाति के साथ सम्बन्धित विद्यार्थी की शिकायत कि यूनिवर्सिटी ने सरकार द्वारा उसकी फीस भरे जाने तक उसे डिटेल माक्र्स शीट (डी.एम.सी.) और डिग्री देने से इन्कार कर दिया है, पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यह मुद्दा केंद्र सरकार के पास उठाएंगे और इस दौरान वह वाइस चांसलर को भी कहेंगे कि वह विद्यार्थियों से कोई जमानती लेकर डिग्रीयाँ जारी करें क्योंकि भारत सरकार की स्कीम के मुताबिक अनुसूचित जाति विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक वजीफा सीधा विद्यार्थियों के खातों में जाता है। हालाँकि यह वजीफा अभी नहीं आ रहा।

उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलों के साथ जूझ रही राज्य सरकार पर इस स्कीम का समूचा 780 करोड़ रुपए का बोझ डाल दिया गया है परन्तु इसके बावजूद वह अनुसूचित जाति विद्यार्थियों को कोई मुश्किल पेश न आने देने के लिए तत्पर हैं। मानसा के एक पूर्व सैनिक की शिकायत कि सभी म्यूंसिपल टैक्स भरने के बावजूद गाँव में सहूलतें नहीं मिल रहीं, बारे मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समस्या पिछली अकाली सरकार के समय से है, जिसके द्वारा बठिंडा और मानसा जिलों में ग्रामीण और शहरी इलाकों में ग्रांटों के मामले में किये भेदभाव के साथ पंजाब के गाँव तबाह हो गए। जैसे कि बताया गया है कि म्यूंसिपल टैक्स उगाहे जा रहे हैं, उससे लगता है कि यह इलाका शहरी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने म्यूंसिपल समितियों को ग्रांटें जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रोपड़ के एक निवासी की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने बताया की लाल डोरे के साथ बिजली कनैक्शन जारी करने का कोई सम्बन्ध नहीं है। इसलिए लाल डोरे में वृद्धि को पानी और बिजली के नये कनैक्शन देने के लिए शर्त के तौर पर नहीं जोड़ा जायेगा। माहिलपुर, बहराम, गढ़शंकर, बंगा, दर्शना और आनन्दपुर साहिब में लिंक सडक़ों की बुरी हालत बारे मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरम्मत का काम जल्द शुरू होगा क्योंकि इन सडक़ों के लिए स्कीमें मंजूर हो चुकी हैं और इन सडक़ों के काम को अगले दो सालों में पूरा कर लिया जायेगा।

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