होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: समीर सैनी। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आदेश जारी करके पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता को निर्देश दिए थे कि पंजाब में शराब की दुकानें सायं साढे 6 बजे बंद करवाई जानी यकीनी बनाई जाएं। पुलिस द्वारा डीजीपी से निर्देश मिलते ही इस पर काम भी शुरु कर दिया गया था तथा अन्य दुकानों के साथ-साथ शराब की दुकानें सायं साढे 6 बजे बंद करवाने के लिए पुलिस की गाडिय़ां घूमनी शुरु हो गई थीं।
मगर, शायद होशियारपुर में मुख्यमंत्री एवं डीजीपी के आदेश लागू नहीं होते, जिसके चलते शहर के कुछेक इलाकों में सायं साढे 6 बजे के बाद भी शराब के ठेके खुले रहते हैं। गजब की बात यह है कि होशियारपुर के धोबीघाट चौक के समीप स्थित शराब की दुकान आज सायं साढे 6 बजे के बाद भी खुला पाया गया। और तो और इस चौक पर अकसर ही पुलिस का नाका रहता है, क्योंकि इस चौक से हिमाचल की तरफ से आने वाले लोग आदमवाल एवं ऊना रोड बांध मार्ग से होकर शहर में प्रवेश करते हैं। जिसके चलते पुलिस यहां पर हर समय मौजूद रहती है। लेकिन, शायद ही उन्हें भी शराब की दुकान का खुला शटर दिखा हो और उन्होंने उसे बंद करवाने की जहमत उठाई हो।
सूत्रों से पता चला है कि उक्त ठेका एक ऐसे ठेकेदार की कंपनी से संबंधित है जिसके राजनीतिक ही नहीं बल्कि प्रशासनिक स्तर पर तार काफी गहरे हैं। जिसके चलते इनकी दुकानों की तरफ पुलिस एवं एक्साइज़ विभाग वाले देखने से परहेज ही करते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री एवं डीजीपी के आदेशों की सरेआम उड़ रही धज्जियों को देख ऐसा लगता है कि होशियारपुर में शायद सरकार के आदेश नहीं चलते, तभी तो यहां कानून सभी के लिए अलग-अलग है। एक तरफ जहां छोटे दुकानदारों एवं रेहड़ी वालों पर तो पुलिस का डंडा चलता अकसर ही दिख जाता है, मगर बड़े मगरमच्छों की जब बात आती है तो वहां पर आकर कानून के रखवाले अपनी आंखें बंद क्यों कर लेते हैं इस बात को लेकर कई सवाल खड़े हो जाते हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस तथा एक्साइज़ विभाग मुख्यमंत्री के आदेशों की पालना करवाने के लिए किस प्रकार के कदम उठाते हैं या फिर कथित तौर पर मिलीभगत का यह सारा खेल इसी प्रकार जारी रहता है।