राष्ट्रपति श्री कोविंद ने देश के 47 अध्यापकों को प्रदान किए राष्ट्रीय पुरस्कार, पंजाब के राजिंदर कुमार भी हुए सम्मानित

नई दिल्ली (द स्टैलर न्यूज़)। देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज 5 सितंबर को अध्यापक दिवस के अवसर पर समूह देश के 47 अध्यापकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। यह एक वर्चुअल तौर पर आयोजित पहला पुरस्कार समारोह था, राष्ट्रपति ने अपने भाषण में पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी तथा स्कूल शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए अध्यापकों द्वारा उठाए गए कदमों की प्रशंसा की। इस दौरान पंजाब के सरकारी एलीमेंट्री स्कूल वाड़ा भाईका फरीदकोट के राजिंदर कुमार को भी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान श्री कोविंद ने नोट किया कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं में 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। जिसके लिए उन महिलाओं द्वारा अध्यापकों के तौर पर निभाई जा रही भूमिका की प्रशंसा की।

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डा. एस राधाकृष्ण को नमन तथा श्रद्धांजलि भेंट करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि वह बेहद दूर-दृष्टि के साथ भरपूर राजनीतिवान पर बेहद महत्वपूर्ण तथा असाधारण अध्यापक थे। उन्होंने यह भी कबा कि उनके जन्मदिन के मौके पर अध्यापक दिवस मनाना देश के विकास हित उनकी सेवाओं को दर्शाता है, तथा यह संयुक्त अध्यापक भाईचारे के लिए गर्व की बात है। आज का यह दिवस हमें अध्यापकों को अपने विद्यार्थियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर बड़े योगदान के लिए मान-सम्मान देने का एक मौका देता है। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबद्धता ही किसी भी स्कूल के लिए नींव पत्थर होती है क्योंकि, अध्यापक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं जो बच्चों का चरित्र व ज्ञान का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाते हैं।कोविड महामारी के चुनौतीपुर्ण समय दौरान डिजीटल तकनीक के महत्व पर जोर देते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि हमारे अध्यापक बच्चों तक पहुंच करने के लिए इस तकनीक की मदद ले रहे हैं।

अध्यापन के लिए नई तकनीक को अपनाने में अध्यापकों के हुनर की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि सारे अध्यापकों के लिए यह अहम है कि वह डिजीटल तकनीक के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा को अपग्रेड तथा अपडेट करें, ताकि शिक्षा और भी प्रभावशाली बन सके। श्री कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की बात करते हुए उन्होंने माना कि यह नई नीती हमारे बच्चों को भविष्य की जरूरतों अनुसार तैयार करने का एक उद्यम है तथा संबंधित लोगों से विचार विमर्श करने के बाद ही इसको तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब अध्यापक ही वह केन्द्री भाग है, जिन्होंने इस नीति को सफल व उत्पादक बनाना है। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा ति अध्यापकों को समर्थय बनाने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लादू हो सके तथा शिक्षा के लिए सिर्फ सवोत्तम ही चुना जा सके। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने स्वागती भाषण दिया, जबकि शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने सभी का धन्यवाद किया।

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