होशियारपुर/मुकेरियां (द स्टैलर न्यूज़)। मुकेरियां से आप नेता सुलखन सिंह जग्गी पर 12 सितंबर की रात हुए जानलेवा हमले में अलग-अलग स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से संदिग्ध हमलावरों संबंधी फुटेज प्राप्त हुई है। पुलिस द्वारा फुटेज को अच्छी तरह से खंगाला जा रहा है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि जग्गी पिछले लंबे समय से मुकेरियां व आस-पास के इलाकों में हो रही अवैध माइनिंग के मुद्दे को उठा रहे थे तथा यह बात अवैध कारोबारियों को रास नहीं आ रही थी। क्योंकि, अवैध कारोबारियों की राजनीतिक व प्रशासनिक पहुंच के चलते पहले भी ऐसे कई मामले सामने आएं हैं।
जिनमें उनके खिलाफ आवाज उठाने वाले को डरा धमकाकर चुप करवा दिया गया या फिर उसे किसी झूठे मामले में फंसाकर ऐसे चक्र में डाला गया कि वह फिर अवैध माइनिंग की तरफ देखना भी भूल गया। आशंका जताई जा रही है कि जग्गी पर हमला होना अवैध कारोबारियों की सोची समझी साजिश हो सकता है तथा हमलावरों के पकड़े जाने पर ही यह सभी तार तार-तार होकर जनता के सामने होंगे। हालांकि कुछ समय पहले ही अकाली दल को भी मुकेरियां में हो रही अवैध माइनिंग को लेकर घडिय़ाली आंसू बहाते हुए देखा गया था, लेकिन उनके द्वारा किया गया विरोध मात्र एकाध दिन ही चर्चा में रहा पर बाद में अकाली दल ने भी यूं आंखें मूंद ली जैसे उसने कुछ देखा ही न हो।
वैसे भी पिछली अकाली-भाजपा सरकार के समय मुकेरियां में चल रहे अवैध माइनिंग के गौरखधंधे को मीडिया द्वारा बार-बार उजागर किए जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई न होना कथित तौर पर मिलीभगत की ओर इशारा करता है तो ऐसे में अकाली दल का विरोध अवैध माइनिंग का नहीं बल्कि मात्र राजनीति से प्रेरित प्रदेश की कांग्रेस सरकार का विरोध कहा जा सकता है। अगर, अकाली दल अवैध माइनिंग पर इतना ही गंभीर होता तो शायद 5 साल पहले ही इस पर लगाम लग गई होती। वर्तमान में अवैध माइनिंग के खिलाफ जग्गी द्वारा पिछले करीब 6-7 साल से आवाज बुलंद की जा रही है तथा इस मुद्दे पर कई गांवों के लोग जग्गी के साथ हुए तथा उन्हें पेश आ रही समस्याओं को जग्गी ने बाखूबी उठाया। सूत्रों की माने तो कुछेक प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ राजनेताओं की कथित मिलीभगत से यह धंधा खूब फलफूल रहा है। तथा जग्गी न सिर्फ अवैध माइनिंग कारोबारियों की आंखों में रडक़ रहे थे बल्कि कथित भ्रष्ट अधिकारियों की आंखों में भी चुंभ रहे थे।
आज भले ही जग्गी पर हुए हमले की बहुत सारे राजनेताओं द्वारा निंदा की जा रही हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर, समय रहते सभी ने मिलकर अवैध माइनिंग के खिलाफ जोरदार आवाज उठाई होती तो आज जग्गी पर जानलेवा हमला न होता और न ही मुकेरियां व आस-पास के इलाकों में धरती मां का सीना दिन-रात छननी न होता। अब देखना यह होगा कि पुलिस अपराधियों को पकडऩे में कितनी जल्दी सफल होती है और जग्गी पर हुए हमले को अन्य पार्टिया व उनकी अपनी आम आदमी पार्टी किस प्रकार लेती है।