90 प्रतिशत से अधिक एम.एस.एम.ईज़ इकाईयों ने अपना कामकाज फिर किया शुरू: कैबिनेट मंत्री अरोड़ा

mla arora sunder

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा उठाए गए अहम कदमों के स्वरूप कुल 2.6 लाख इकाईयाँ जिनमें 15.78 लाख कर्मचारी काम करते हैं, में से 2,34,072 इकाईयों ने अपना कामकाज और आर्थिक गतिविधियां फिर शुरू कर दी हैं। यह जानकारी आज यहाँ उद्योग मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने दी। श्री अरोड़ा ने बताया कि 90 प्रतिशत से अधिक इकाईयों ने पहले ही अपना कामकाज शुरू कर दिया है। उन्होंने उद्योगों को कोविड-19 के कारण पेश आ रही समस्याओं को घटाने के लिए हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया।

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कोविड के दौरान सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक़्र करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि उद्योगों को राहत प्रदान करने के लिए पीएसआईईसी ने अमनैस्टी स्कीम की समय-सीमा बढ़ाने के साथ-साथ पीएसआईडीसी और पीएफसी की ओटीएस स्कीमों का ऐलान किया था। पीएसआईडीसी और पीएफसी की कजऱ्दार/प्रमोटड कंपनी को राहत प्रदान करने और पंजाब में उद्योगों के सर्वपक्षीय विकास की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने ईक्विटी और लोन-2018 जिसको कि मंत्रीमंडल द्वारा अपनी 3.12.2018 को हुई अपनी मीटिंग में मंज़ूरी दी गई थी, के लिए एकमुश्त निपटारा नीति (ओ.टी.एस.) को 31.12.2020 तक बढ़ा दिया है। अन्य अलग-अलग नीतियों के अधीन वित्तीय रियायतें-आई.बी.डी.पी.-2017, में 5844.87 करोड़ रुपए के निवेश वाले 56 बड़े और लघु, छोटे और मध्यम उद्योगों को विचारा गया और 1090.41 करोड़ रुपए की वित्तीय रियायतें दी गईं।उद्योग मंत्री ने आगे कहा कि इसी तरह 2013 की औद्योगिक नीति के अंतर्गत 468.02 करोड़ रुपए के निवेश वाली 12 औद्योगिक इकाईयों को 478.91 करोड़ रुपए की वित्तीय रियायतें दी गईं। 1989, 1992, 1996 और 2003 की पुरानी नीतियों के अंतर्गत 168 इकाईयों को 26.01 करोड़ रुपए की रियायतें दी गईं। पीएसपीसीएल को 3522.41 करोड़ रुपए की औद्योगिक बिजली सब्सिडी जारी की गई है।

उन्होंने कहा कि हम उन बॉयल्जऱ् के लिए एकमुश्त अमनैस्टी स्कीम भी लेकर आए हैं जो बॉयल्र्ज़ एक्ट, 1923 और इंडियन बॉयलर रैगूलेशनज़, 1950 में दर्ज धाराओं की पालना किए बिना और राज्य की मंज़ूरी के बिना काम कर रहे हैं और विभाग के साथ रेगुलर होने के लिए पहुँच कर रहे हैं। श्रम विभाग द्वारा ऐलान किए गए विभिन्न श्रम संशोधनों का जिक़्र करते हुए अरोड़ा ने कहा कि उद्योगों और कामगारों के लाभ के लिए फिक्स्ड टर्म एम्पलायमैंट की आज्ञा के अलावा इंडस्ट्रियल एम्पलायमैंट (स्टैंडिंग ऑर्डरज़) एक्ट, 1946 के अंतर्गत 100 कर्मचारियों तक वाली सभी एम.एस.एम.ईज़ और औद्योगिक इकाईयों के लिए रियायतों की आज्ञा दी गई है। एक हज़ार तक कर्मचारियों के साथ काम करने वाली इकाईयों के लिए एंबुलेंस रूम की ज़रूरतों को पूरा करने की छूट देने और किसी भी फैक्ट्री को एंबुलेंस रूम की ज़रूरत से छूट देने के लिए फैक्ट्री नियमों में संशोधन किए गए बशर्ते फैक्ट्री से 2 किलोमीटर तक की दूरी पर सूचीबद्ध अस्पताल या नर्सिंग होम हो और फैक्ट्री में एंबुलेंस वैन की व्यवस्था हो। राज्य में निवेश के लिए साजग़ार माहौल सृजन करने के बाद पंजाब को साल 2012-2017 में 31,323 करोड़ रुपए के मुकाबले साल 2017-2020 के दौरान 67,985 करोड़ रुपए का नया निवेश प्राप्त हुआ है। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि साल 2017 की नीति के अंतर्गत औद्योगिक इकाईयों को 1090 करोड़ रुपए की रियायतें दी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि औद्योगिक इकाईयों को 2920 करोड़ रुपए की बिजली सब्सिडी भी दी गई है और इसके अलावा औद्योगिक बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए 525 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सुन्दर शाम अरोड़ा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा राज्य में 89.16 करोड़ रुपए के निवेश वाले 6 औद्योगिक कलस्टरों को भी मंज़ूरी दी गई, जबकि पिछली सरकार द्वारा 14.07 करोड़ रुपए के निवेश के साथ सिफऱ् एक कलस्टर स्थापित किया गया था।

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