चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़) । उद्योगों को और प्रफुल्लित करने के लिए राज्य में स्टार्टअप प्रक्रिया को और भी सरल और सुचारू बना दिया गया है। उद्योग मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने आज बताया कि विस्तृत योजनाएँ और संचालन दिशा-निर्देश, 2018 के अध्याय-16 की धाराओं 16.3,16.4,16.5 में प्रभावी संशोधन किए गए हैं। नयी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पर संतोष प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि नयी प्रक्रिया के द्वारा थोड़े समय में ही ज़्यादा स्टार्टअप रजिस्टर्ड हो सकेंगे और बाद में राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली रियायतों का लाभ ले सकेंगे। पंजाब सरकार ने 7.8.2018 को विस्तृत योजनाएँ और संचालन दिशा-निर्देश, 2018 को नोटीफाई किया था जिसमें स्टार्टअप्स को रियायतें देने की योजनाएँ शामिल थीं। उन्होंने आगे बताया कि संशोधित प्रक्रिया के अनुसार राज्य सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए स्टार्टअप पंजाब के साथ ऑनलाइन अप्लाई करना होगा।
फिर महारत के क्षेत्र के मुताबिक उनके मामलों को अलग-अलग नोडल एजेंसियों के पास भेजा जाता है। जिन आवेदकों का आवेदन प्रक्रिया अधीन है उसको योग्य प्रोविजऩल सर्टिफिकेट जारी किये जाएंगे। इन नोडल एजेंसियों में आई.आई.टी रोपड़, आई.एस.बी मोहाली, आई.के.जी पंजाब टैक्निकल यूनिवर्सिटी, मोहाली में भारत के सॉफ्टवेयर टैक्नॉलॉजी पाक्र्स, इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साईंस एंड टेक्नोलोजी मोहाली (आई.एन.एस.टी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साईंस ऐजूकेशन एंड रिसर्च मोहाली, नेशनल एग्री-फूड बायोटैक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट आदि शामिल हैं। यह नोडल एजेंसियाँ स्टार्टअप आवेदनों का मुल्यांकन करती हैं और निर्धारित करती हैं कि स्टार्टअप के पास कोई नवीन उत्पाद या सेवा है और फंडिंग की ज़रूरत को पूरा करता है। नोडल एजेंसियों द्वारा सिफारिशों के आधार पर, स्टार्टअप पंजाब कमेटी को सिफारिशें पेश करता है और स्वीकार होने के उपरांत विस्तृत योजनाएँ और संचालन दिशा-निर्देश, 2018 के अनुसार स्टार्टअप आवेदकों को मान्यता के प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं। मान्यता प्राप्त स्टार्टअप फिर राज्य सरकार के पास वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने आगे बताया कि पहले स्टार्टअप आवेदनों को कई बार नोडल एजेंसियों के पास भेजना पड़ता था और यह प्रक्रिआ कुछ जटिल थी। इसको अब सुचारू बनाया गया है और आवेदन सिफऱ् एक बार प्रोसेसिंग के लिए नोडल एजेंसी को भेजना होता है।