गाली बिना बात नहीं: ‘दरोगा जी’ बने चर्चा का विषय

होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। एक तरफ तो पंजाब पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों को आम जनता के साथ नम्रता के साथ पेश आने तथा लोगों की समस्याओं का समय पर हल निकालने की हिदायत की जाती है वहीं दूसरी तरफ कई पुलिस अधिकारी ऐसे भी हैं जिनकी जुबान का रस ऐसा है कि उनके पास जाने से लोग डरते हैं। ऐसे ही पुलिस अधिकारियों की श्रेणी में शूमार होशियारपुर के एक पुलिस स्टेशन के प्रभारी की बोलबाणी भी इन दिनों काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। आम जनता से तो दूर की बात सत्ताधारी नेताओं के साथ भी ‘दरोगा जी’ बिना गाली के बात नहीं करते। आलम यह है कि सरेआम उनके द्वारा गालियां निकालने, खासकर महिलाओं को भी ऐसे-ऐसे शब्द बोल जाते हैं कि सुनने वाला शर्म से ही पानी-पानी हो जाए।
विभागीय सूत्रों की माने तो ‘दरोगा जी’ को न जाने किस बात का घमंड है कि वे अपने से उच्च अधिकारी की बात सुनना भी जरुरी नहीं समझते, भले ही वह उन्हें शालीनता से बात करने की नसीहत की क्यों न दे रहा हो। कांग्रेस पार्टी की सरकार हो और होशियारपुर में 6-6 विधायक कांग्रेस के हों और ऐसे में एक पुलिस अधिकारी का व्यवहार जोकि सभी के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है के बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई न किया जाना उसकी कैसी पकड़ की तरफ इशारा करता है बात को समझने में देर नहीं लगनी चाहिए। या तो उसका विभाग में कोई हाई-जैक है या फिर कहीं वे कमाऊ पुत तो नहीं?
पिछले दिनों दरोगा जी बस स्टैंड इलाके में घूम रहे थे। इस दौरान एक कार जोकि सडक़ के थोड़ा बीच खड़ी थी को लेकर दरोगा जी का पारा चढ़ गया। कार सवार तो वहां नहीं था सो उन्होंने एक दुकान वाले को कार के मालिक के बारे में पूछा, जब उसने कार चालक संबंधी अनभिज्ञता जताई तो दरोगा जी ने उसे गाली निकालते हुए न जाने क्या-क्या कह डाला। सरेआम दरोगा जी का पारा इतना तेजी से बढ़ता देख और उनक ‘मुख से गिरते मोती’ लोगों का ध्यान उनकी तरफ खींच रहे थे। एक सत्ताधारी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने कभी किसी पुलिस अधिकारी को कोई गलत काम करने के लिए नहीं बोला। मगर किसी के

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साथ गलत हो यह भी वह बर्दाश्त नहीं करते। किसी काम को लेकर उन्होंने जब उक्त दरोगा से बात की तो दरोगा जी ने उनके राजनीतिक कद एवं जनप्रतिनिधि होने का भी ध्यान नहीं रखा और बोलते समय शब्दों पर सयमं भी नहीं रखा। उन्होंने दरोगा से बात करने उपरांत आला अधिकारी से बात की और उनसे बात करने उपरांत एक गरीब आदमी के साथ धक्का होने से बचाया। उन्होंने हैरानी प्रकट की कि अगर ऐसे पुलिस कर्मी जनता की सेवा करेंगे तो इसमें कोई दो राय नहीं कि जल्द ही जनता इनके खिलाफ सडक़ों पर उतर जाएगी। इसी प्रकार एक अन्य सत्ताधारी नेता व विपक्ष के एक नेता जी ने भी उक्त दरोगा के प्रति अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए बताया कि काम कोई अधिकारी करे या न करे, पर उसकी बोलबाणी में तो मिठास होनी जरुरी है, जिसकी शिक्षा लेना शायद दरोगा जी ने जरुरी नहीं समझा।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी अनुसार दरोगा जी एक आला अधिकारी के खासमखासों में से हैं और उनके खिलाफ पहले भी इस तरह की शिकायतें हैं, जिसके बारे में विभाग के कई आला अधिकारी भी जानते हैं। मगर कार्रवाई के स्थान पर एक थाने से दूसरे थाने तक भेज कर ही फर्ज की इतिश्री की जाती है। जिसका खामियाजा सरेआम लोगों को गालियां सुनकर चुकाना पड़ रहा है। अब दरोगा जी के बारे में शिकायतें हैं या नहीं इसके बारे में हम ज्यादा तफ्तीश

नहीं करते। मगर, इन दिनों होशियारपुर में उक्त दरोगा जी की बोलबाणी के माध्यम से उनकी जुबान से गिरता रस जनता के कानों के माध्यम से सिरदर्द व शर्मिंदगी का कारण बनता जा रहा है। शहर निवासियों का कहना है कि अधिकारी अपराधियों पर सख्त है यह अच्छी बात है, मगर आम जनता के कैसी दुश्मनी। पुलिस के आला अधिकारियों को ऐसे कर्मी को तुरंत बदल देना चाहिए और उसे जनता के साथ सीधे संपर्क से दूर रखते हुए किसी दफ्तर में उसकी ड्यूटी लगानी चाहिए।
‘दरोगा जी’ के मुखारविंद से गिरते रस के बारे में शहर के एक बड़े सत्ताधारी नेता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अपराधियों पर सख्त और आम जनता के साथ शालीनता से बात करना मानवता है व पुलिस को इस रवैये का अनुसरन करना भी चाहिए। अगर उक्त दरोगा गाली के बिना बात नहीं करता तो यह उसकी गलती है। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि जनता के साथ नम्रता से पेश आने संबंधी वे उक्त दरोगा से बात करेंगे, अगर उसके स्वभाव में सुधार न हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को लिखा जाएगा। ऐसा व्यवहार कदापि उचित नहीं है और न ही इसे तर्कसंगत कहा जा सकता है।

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