होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। कृषि विभाग की ओर से जिले के किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरुकता अभियान ने जोर पकड़ लिया और पराली न जलाने के रुझानों में कमी देखने को मिल रही है। इसकी एक मिसाल ब्लाक दसूहा के गांव गग सुल्तान का किसान वरिंदर सिंह है। वरिंदर सिंह पिछले कुछ वर्षों से धान की पराली को बिना आग लगाए गेहूं की बिजाई अलग-अलग कृषि मशीनरी जैसे कि एम.बी प्लोअ व रोटावेटर से कर रहा है।
वरिंदर सिंह ने इस वर्ष कृषि विभाग के सहयोग से सब्सिडी पर सुपर सीडर भी खरीद लिया है ताकि धान के खड़े नाड़ में बिना आग लगाए गेहूं की बिजाई समय पर की जा सके। अपनी इस आधुनिक व वातावरण हितैषी खेती के कारण यह किसान आस-पास के अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा ोत बना हुआ है। उन्होंने बताया कि वह करीब 20 वर्ष से खेती कर रहा है व 33 एकड़ जमीन में गेहूं धान व गन्ने की काश्त तकनीक से करता है, इसके साथ-साथ 5 कनाल रकबे में मुसंबी की खेती भी कर रहा है। वरिंदर सिंह पिछले कुछ वर्षों से धान व गन्ने के अवशेषों को आग लगाने की बजाए कृषि विभाग के सहयोग से पराली के अवशेषों के प्रबंधन के लिए सब्सिडी पर दिए गए उपकरणों के साथ गेहूं की बिजाई करता है।
वरिंदर सिंह ने बताया कि वह गन्ने की खोरी व पराली के अवशेषों को रोटावेटर व एम.बी प्लोअ का प्रयोग कर जमीन में मिला देता है या फिर कटर मार कर गुज्जरों को उठवा देता है। इस विधि से गेहूं के बीज को उगने में कोई दिक्कत नहीं आती बल्कि पराली खेत में एक अच्छे मल्च का काम करती है। उन्होंने कहा कि जमीन की उपजाऊ शक्ति बढऩे के साथ-साथ लेबर व समय की बचत होती है व वातावरण भी गंदा होने से बचता है और नदीनों की समस्या भी कम होती है।