हाई कोर्ट ने जालंधर के चमड़ा उद्योग को ट्रायल के तौर पर चलाने की दी आज्ञा : जिलाधीश

जालंधर (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के डबल बैंच ने मंगलवार को जालंधर के चमड़ा उद्योग को ट्रायल के तौर पर चलाने की आज्ञा दे दी है, जो 29 अक्तूबर, 2019 से बंद पड़ा है। जिलाधीश घनश्याम थोरी ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में पंजाब एफलूऐंट ट्रीटमेंट सोसायटी फार टैनरीज़ (पी.ई.टी.एस.) के चेयरमैन के तौर पर एक हलफऩामा दायर किया गया कि लैदर कंपलैक्स में 1.45 करोड़ रुपए की लागत से एक आर.सी.सी. मिक्सिंग -कम -डायलूशन टैंक का निर्माण किया गया है और ज्यादा जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पी.ई.टी.एस. को 6जनवरी, 2020 को डायलूशन टैंक बारे पालन रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे। घनश्याम थोरी ने कहा कि 16 जून को डिप्टी कमिश्नर के तौर पर जुआइन करने के बाद उन्होंने पी.ई.टी.एस. की कई मीटिंगें की और पीपीसीबी के आधिकारियों और उद्योगपतियों को सुना।

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उन्होंने बताया कि जिसके बाद उन्होंने यह मामला उच्च आधिकारियों के पास उठाया और आर सी सी मिक्सिंग -कम -डायलूशन टैंक का निर्माण शुरू किया गया और 29 अक्तूबर, 2020 को हाई कोर्ट में पालना रिपोर्ट दायर की गई। उन्होंने बताया कि उनकी तरफ से पीईटीएस के चेयरमैन के तौर पर हलफऩामा सोमवार को अदालत में दायर किया गया था और आज पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के डबल बैंच ने चमड़ा उद्योग को ट्रायल के तौर पर चलाने की आज्ञा दी। पंजाब एफलूऐंट ट्रीटमेंट सोसायटी के किस तरह की डोगरा ने बताया कि 19 जनवरी सुनवाई की आगे वाली तारीख़ 19 जनवरी निर्धारित की गई है। चमड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों ने केस की पैरवी करने और हलफऩामा दायर करने के लिए किये ठोस प्रयासों के लिए डिप्टी कमिश्नर का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि आदेशों के साथ उनको और उनके श्रमिकों को बहुत अपेक्षित राहत मिली है क्योंकि उनकी इकाईयाँ पिछले एक साल से बंद पड़ीं थीं। इसके इलावा मज़दूरों को कोई रोजग़ार न मिलने की स्थिति में मुशकिलों का सामना करना पड़ रहा था।

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