मुख्यमंत्री द्वारा राज्य को प्रगति की राह पर लाने के लिए कल्याण स्कीमों की शुरूआत

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा गुरूवार को राज्य में हाई स्कूल और कॉलेज की छात्राओं के लिए मुफ़्त सैनेटरी पैडों सहित कई बड़े कल्याण प्रोजेक्टों की शुरुआत के साथ राज्य ने विकास और प्रगति के एक नये युग की तरफ कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने हज़ारों ही झुग्गी-झोंपड़ी वालों के घर बनाने के सपने को अमली रूप दिए जाने की प्रक्रिया शुरू की और इसके साथ पंजाब ने ही 75.64 करोड़ रुपए की लागत वाले स्मार्ट मीटरिंग प्रोजैक्ट और उपभोक्ताओं द्वारा ई-फाईलिंग के द्वारा शिकायतें दायर करने के लिए ई-दाखि़ल पोर्टल की शुरुआत के साथ डिजिटल क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री की तरफ से वर्चुअल ढंग से शुरू की गई दो अन्य स्कीमों केंद्र में नौजवानों और छोटी बच्चियों को रखा गया है।

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इसके साथ ही जनवरी के महीने को ‘धीयां दी लोहड़ी’ को समर्पित करने के अलावा नौजवान पीढ़ी में खेल संस्कृति विकसित करने और स्वस्थ सेहत सम्बन्धी जागरूकता लाने के लिए 2500 खेल किटों के वितरण का रास्ता भी साफ किया गया है। धीयां दी लोहड़ीधियां दी लोहड़ी की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने संकेतक रूप में पाँच छोटी बच्चियों को उनकी माताओं सहित आशीर्वाद दिया और इसके अलावा 5100 रुपए का शगुन और हर बच्ची के लिए साजो-सामान भी भेंट किया। इन बच्चियों की पहचान गाँव फतेहगढ़, ब्लॉक माजरी से निमरत कौर और उसकी माता दविन्दर कौर, कुराली से जैसवी बंसल और उसकी माता निष्ठा बंसल, माजरी ब्लॉक के गाँव बड़ौदी से गुरलीन कौर और उसकी माता गुरप्रीत कौर, गाँव माजरा से प्रभजीत कौर और उसकी माता सरबजीत कौर और खुशलीन कौर और उसकी माता सन्दीप कौर के तौर पर की गई है। इस विशेष स्कीम के अंतर्गत प्रति दिन प्रोग्रामों की लड़ी समूह जिलों में करवाई जायेगी जिसकी शुरुआत मोहाली जिले से होगी। यह लड़ी लोहड़ी के त्योहार के मद्देनजऱ पूरा महीना चलेगी जिस दौरान मुख्यमंत्री की तरफ से लिखे और हस्ताक्षरित पत्र इस बरस अपनी पहली लोहड़ी मना रही 1.5 लाख से अधिक लड़कियों के माता-पिता को सौंपे जाएंगे। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ की माँग को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि ग्रामीण क्षेत्रों ख़ासकर राज्य की झुग्गी-झौंपडिय़ाँ के अलावा हाई स्कूलों और कॉलेजों की छात्राओं को मुफ़्त सैनेटरी पैड बाँटे जाएंगे। इस पहलकदमी के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर सिंह ढिल्लों ने कहा कि इस कदम के साथ इन बच्चियों में आत्म विश्वास की भावना पैदा होगी। 

इस मौके पर सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री अरुणा चौधरी ने कहा कि धीयां दी लोहड़ी महीने के आखिर में बड़े स्तर पर फिऱोज़पुर में एक राज्य स्तरीय समागम करवाया जायेगा, जहाँ कि नवजात बच्चियों के माता-पिता और दादा दादी को सम्मानित किया जायेगा। झुग्गी-झौंपड़ी वालों के लिए बसेराबसेरा प्रोग्राम की शुरुआत के साथ पटियाला, बठिंडा, फाजिल्का और मोगा जिलों की 10 झुग्गी-झौंपडिय़ों के 2816 निवासियों को पहले दौर में मालिकाना हक दिए जाएंगे। मोगा के तीन झुग्गी-झोंपड़ी वाले क्षेत्रों में रहते लोगों को मोगाजीत सिंह में म्यूंसिपल निगम की अलग ज़मीन में तबदील किये जाने के उपरांत यह मालिकाना हक दिए जाएंगे। इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री ने छह लाभार्थीयों को संकेतक तौर पर ‘प्रमाण-पत्र’ सौंपे और मालिकाना हक प्रदान किये। इन लाभार्थीयों के नाम हैं – बठिंडा से मिंटू टांडी, मोगा से सूरज सिंह, अबोहर से रेखा रानी और पपरिन्दर कुमार और पटियाला से कैलाश कुमार।  इस पहलकदमी को राज्य सरकार की तरफ से समूचे शहरी विकास और योजनाबंदी की तरफ एक मील का पत्थर बताते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह अपने राजनैतिक जीवन के बीते 52 बरसों से यह स्वप्न देख रहे थे। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग को कहा कि झुग्गी-झोंपड़ी वालों की आरामदायक जि़ंदगी यकीनी बनाने के लिए सभी प्राथमिक सहूलतें जैसे कि पीने योग्य साफ़ पानी, स्ट्रीट लाईटिंग और सडक़ें प्रदान करना यकीनी बनाया जाये। 

इस मौके पर स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्रा ने कहा कि पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने मुख्यमंत्री झुग्गी -झोंपड़ी विकास प्रोग्राम ‘बसेरा’ की शुरुआत की है जिससे ‘द पंजाब स्लम डवैलर्स (प्रोप्राईटरी राइट्स) एक्ट, 2020 ’ के नोटिफिकेशन की तारीख़ अर्थात 1 अप्रैल, 2020 से किसी भी शहरी क्षेत्र के किसी भी झुग्गी-झोंपड़ी वाले इलाके में राज्य सरकार की ज़मीन पर काबिज़ हर निवासी को मालिकाना हक दिए जा सकें। स्मार्ट पावर मीटर्समुख्यमंत्री ने 75.64 करोड़ रुपए की लागत के साथ तीन चरणों वाले स्मार्ट मीटरिंग प्रोजैक्ट की शुरुआत करते हुए कहा कि इस उपभोक्ता समर्थकीय स्कीम के साथ डाटा आटोमैटिक ढंग के साथ अपलोड होगा जिससे दस्ती तौर पर रीडिंग लेते समय होती इंसानी गलती की गुंजाईश काफ़ी हद तक घटेगी।

उन्होंने आगे बताया कि जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक कुल 96,000 मीटर इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत पी.एस.पी.सी.ऐल. की तरफ से राज्य भर में लगाए जाएंगे जिससे रीडिंग बारे जानकारी न देने की कुरीती के अलावा बिजली की चोरी पर भी रोक लगेगी और रीडिंग /बिलिंग प्रक्रिया में गुणवत्तापूर्ण सुधार आएगा। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे बताया कि इन मीटरों से उपभोक्ता पी.एस.पी.सी.एल. उपभोक्ता ऐप के द्वारा पिछले बिल का डाटा और तुरंत /लाइव डाटा भी देखने के योग्य हो सकेंगे। इसके अलावा उपभोक्ताओं को बिजली के उपभोग बारे भी सही पता लग सकेगा। उपभोक्ताओं के पास मीटर को प्री-पेड या पोस्ट-पेड में तबदील करने का विकल्प मौजूद होगा। उन्होंने और जानकारी दी कि बिल में छूट उपभोक्ता को प्री-पेड के विकल्प के अंतर्गत स्वीकार्य है और इसी मीटर को सोलर नैट मीटरिंग के लिए बाईडायरैक्शनल मीटर के तौर पर भी इस्तमाल किया जा सकता है। उपभोक्ताओं को गलत मीटर रीडिंग की सूरत में अब अपनी शिकायत दर्ज करवाने के लिए डिसकौम के दफ्तरों के चक्कर लगाने की ज़रूरत नहीं है। 

उपभोक्ताओं के लिए ई-दाखिल मुख्यमंत्री ने बताया कि नये ई-दाखिल पोर्टल के साथ उपभोक्ताओं को अपने हकों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। पोर्टल की शुरुआत करते समय उन्होंने कहा कि इससे उनको एक ऐसी समर्थ प्रणाली की मदद मिलेगी जो कि उनको व्यापारियों के हाथों शोषण से बचाने से भी सहज ढंग से उपभोक्ता अदालतों तक पहुँच करने में सहायक होगी। इस पोर्टल का निर्माण करना नये उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट, 2019 के मुताबिक उपभोक्ता शिकायतों की ई-फाईलिंग के लिए मददगार साबित होगी। उपरोक्त एक्ट का मकसद उपभोक्ताओं के साथ सबंधित मसले इलेक्ट्रानिक ढंग के साथ उपभोक्ता मसले निवारण कमीशन के पास पहुंचाना है। इसके अलावा यह पोर्टल नागरिकों /वकीलों द्वारा ऑनलाईन विधि के द्वारा शिकायतें दायर किये जाने सम्बन्धी भी सहायक होंगे। इस मौके पर खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले बारे मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि इस नई ऑनलाईन पहल के साथ उपभोक्ताओं को अपने हितों की रक्षा करना आसान होगा।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि नये उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट, 2019 के अंतर्गत अब विक्रेता के साथ-साथ उत्पादक भी बुरे सामान के लिए जि़म्मेदार होगा। नौजवानों के लिए क्रिकेट किटमुख्यमंत्री ने इस मौके पर सामुदायिक भागीदारी ख़ासकर लुधियाना के उद्योग जगत 2500 खेल क्रिकेट किटों का वितरण स्कीम की शुरुआत करते हुए कहा कि इस स्कीम के साथ स्वस्थ सेहत बारे जागरूकता फैलने के अलावा खेल संस्कृति भी विकसित होगी। इससे नौजवानों को खेल को अपने जीवन में शामिल करने में प्रेरणा मिलेगी जिससे राज्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में अपनी खो चुकी शान बहाल करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद ज़ाहिर की कि पंजाब यूथ डिवैल्पमैंट बोर्ड के चेयरमैन सुखविन्दर सिंह बिंद्रा की तरफ से की गई यह पहल नौजवानों ख़ासकर ग्रामीण क्षेत्र से सबंधितों में खेल भावना का संचार करेगी क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के नौजवानों के पास खेल में आगे बढऩे के लिए ज़रुरी साधनों की बहुत कमी होती है। उन्होने विश्वास ज़ाहिर किया कि इस पहल से नौजवान पीढ़ी नशों की बीमारी से कोसों दूर रहेगी और उनकी ऊर्जा का सकारात्मक इस्तेमाल हो सकेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने खेल क्लबों के पाँच प्रतिनिधियों – डॉ. अम्बेदकर यूथ क्लब खरड़ से डॉ. रघबीर सिंह बंागर, यूथ क्लब मुंडी खरड़ से कुलविन्दर सिंह, जि़ला मोहाली के यूथ क्लब चंदन से बिक्रमजीत सिंह, शहीद भगत सिंह वैलफेयर क्लब मानसा से सतिन्दरपाल सिंह और श्री रेहड़ू स्पोर्टस क्लब लुधियाना से मनदीप सिंह को खेल किटें बाँटीं। 

इस मौके पर खेल और युवक सेवाएं मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने मुख्यमंत्री से अपील की कि राज्य में खेल संस्कृति विकसित करने और स्वस्थ सेहत सम्बन्धी जागरूकता का प्रसार करने के लिए जो कि उनके स्वप्रमयी प्रोग्राम ‘मिशन तंदुरुस्त पंजाब’ का पहले से ही अति महत्वपूर्ण हिस्सा है, अतिरिक्त तौर पर फंड अलॉट किये जाएँ। उन्होंने यह भी कहा क विभाग द्वारा निकट भविष्य में एक युवक कॉन्फ्रेंस भी करवाई जायेगी। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार के सौतेले रवैए के बावजूद भी कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने गरीब हितैषी और नागरिक हितैषी कई स्कीमें लागू की हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने पिता महाराजा यादविन्दर सिंह के जन्मदिन के अवसर पर नये बरस के तोहफ़े के तौर पर झुग्गी-झोंपड़ी वालों को मालिकाना हक दिए जाने के लिए मुबारकबाद भी दी। इससे पहले वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को कहा कि वह आते बरस 2021-22 के सालाना बजट, जोकि तैयारी अधीन है, में अतिरिक्त तौर पर फंड हासिल करने के लिए अपनी-अपने विभागों की स्कीमें और योजनाएँ पेश करें। उन्होंने अपने कैबिनेट सहयोगियों को यकीन दिलाया कि हालाँकि केंद्र ने राज्य के 1200 करोड़ रुपए के आर.डी.एफ. फंड का हिस्सा और जी.एस.टी. की 8000 करोड़ रुपए की राशि रोक रखी है, परन्तु फिर भी फंड की कमी को विकास के रास्ते में रोड़ा नहीं बनने दिया जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि मौजूदा विकास प्रोजैक्ट और कल्याण स्कीमें निर्विघ्न रूप में लागू की जा रही हैं। 

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