मुख्यमंत्री ने ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत 7219 वाजिब दरों की दुकानों की अलॉटमैंट की शुरूआत की

एस.ए.एस. नगर (द स्टैलर न्यूज़)। लोगों के लिए रोज़ी रोटी के साधनों को बढ़ावा देने की कोशिश के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा शनिवार को अपनी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत 7219 वाजिब दरों की दुकानों (एफ.पी.एस.) की अलॉटमैंट के लिए राज्य स्तरीय योजना की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री द्वारा सांकेतिक तौर पर रूपनगर के पाँच लाभार्थी जतिन्दर पाल सिंह, पूनम, जसविन्दर सिंह, विवेक शर्मा और सुखदेव सिंह को अलॉटमैंट पत्र सौंपे गए। राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए समागमों के दौरान अलग-अलग मंत्रियों, विधायकों और अन्य शख्सियतों द्वारा पहले चरण के अंतर्गत 64 म्युंसीपल कमेटियों में लाभार्थियों को एक ही समय में 370 अलॉटमैंट पत्र सौंपे गए। इस मौके पर संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह गरीब समर्थकीय पहल लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के साथ-साथ तय समय के अंदर निर्विघ्न ढग़ से सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और मज़बूती देने में अहम भूमिका निभाएगी।

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उन्होंने अलाटियों को कहा कि गरीबों के लिए आए राशन को ग़ैर कानूनी ढंग से कहीं ओर बरतने की बजाय असली लाभार्थियों के लिए राशन के वितरण को यकीनी बनाएं। उन्होंने आगे कहा कि इस स्कीम से राज्य में लगभग 30,000 लाभार्थियों (औसतन चार सदस्यों वाले परिवार) को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को राशन डिपूओं को उपभोग की वस्तुओं की बिक्री केंद्र के तौर पर उत्साहित करके वाजिब दरों की दुकानों के मालिकों की आमदन बढ़ाने के तरीके तलाशने के लिए कहा गया है। उन्होंने राशन डीपू धारकों के बेमिसाल यत्नों की सराहना की, जिन्होंने राज्य के लोगों को मुफ़्त अनाज की निर्विघ्न आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के लिए लॉकडाउन के दौरान अपने डिपूओं को कार्यशील रख कर कोविड-19 विरुद्ध राज्य सरकार की अथक लड़ाई में बड़ा योगदान दिया। लॉकडाउन के समय के दौरान गरीबों को 17 अलग खाने के पैकेट बाँटे गए।

उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में अनाज की चोरी पर लगाम लगाने के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा बायोमैट्रिक्स वाली ई-पी.ओ.एस. मशीनों की शुरुआत करने की पहल की भी सराहना की, जिससे असली लाभार्थियों के लिए राशन के वितरण को सुनिश्चित बनाया जा सके। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत अब तक 15 लाख से अधिक नौजवानों को रोजग़ार दिलाने में सहायता की है। नौकरियों संबंधी विस्तार में बताते हुए उन्होंने कहा कि 15.08 लाख नौकरियों में से 58,000 सरकारी नौकरियाँ (समेत ठेका आधार) दी गई हैं और 5.69 लाख नौजवानों को निजी क्षेत्र में रोजग़ार मिला है। इसके अलावा 1 अप्रैल, 2017 जब से यह मिशन शुरू हुआ है तब से अब तक स्व-रोजग़ार कारोबार शुरू करने के लिए 8.80 लाख नौजवानों को सहायता मुहैया करवाई गई है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने किसानों की फ़सल की समय पर लिफ्टिंग, खऱीद और अदायगी को यकीनी बनाया।

ई-पी.ओ.एस. मशीनों के अलावा स्मार्ट राशन कार्ड राज्य सरकार द्वारा की गई अहम पहलकदमियों में से एक हैं। उन्होंने आगे कहा कि सहकारी सोसायटियों को भी राशन डिपूओं की अलॉटमैंट का लाभ दिया जाना चाहिए। लुधियाना से वर्चुअल तौर पर संबोधन करते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों संबंधी मंत्री भारत भूषण आशु ने 1 अप्रैल, 2016 से वाजिब दरों की दुकानों के मालिकों को अनाज के वितरण के लिए दी जाने वाली मामूली रकम 25 रुपए से बढ़ाकर 50 रुपए प्रति क्विंटल करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि इससे राशन डीपू मालिकों की काफी देर पुरानी माँग पूरी हुई है। पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान बरिन्दर सिंह ढिल्लों ने कहा कि ‘घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत यह महत्वपूर्ण पहल नौजवानों को रोजग़ार के चोखे अवसर प्रदान करेगी। गौरतलब है कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, पंजाब ने राज्य में 987 शहरी और 6232 ग्रामीण खाली पदों के लिए 7219 राशन डिपूओं के लाइसेंस जारी करने के लिए आवेदन माँगे थे। विभाग द्वारा यह लाइसेंस जारी करने के लिए पारदर्शी प्रणाली अपनाई गई। इस मौके पर अन्यों के अलावा स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के.ए.पी. सिन्हा, डायरैक्टर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले रवि भगत और अतिरिक्त सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले जसप्रीत सिंह मौजूद थे।

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