कृषि वानिकी से बढ़ेगा वनक्षेत्र और किसानों की आमदनी: महावीर सिंह

दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। वन विभाग के कंजरवेटर महांवीर सिंह ने दातारपुर में दैनिक जागरण के साथ विशेष भेंटवार्ता में कहा पंजाब में वनक्षेत्र बढ़ाने के लिए वन विभाग पूरी तरह तत्पर है और इसके लिए जोरदार कोशिशें की जा रही हैं। महावीर सिंह ने बताया की पंजाब में हरियाली बढाने के उद्देश्य से किसानों को कृषि वानिकी के तहत अपने खेतों में पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है और इसके लिए उन्हें अपनी जमीन में लगाने के लिए मुफ्त पौधे दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया किसानों को उनके खेत में लगाए गए पौधों के लिए प्रति पौधा 35रु सब्सिडी दी जा रही है उन्होंने बताया किसानों को हरेक पौधे के लिए पहले साल 14 रु दूसरे साल 7रु ,तीसरे तथा चौथे साल भी 7 रु की दर से कुल 35रु दिए जाते हैं ताकि पौधे की समुचित देखभाल होती रहे महावीर सिंह ने बताया हम इस योजना के तहत जिला होशियारपुर में भी किसानों को सफेदे के पौधे मुफ्त में देते हैं और इस साल भी हम एक लाख से ज्यादा पौधे किसानों को दे चुके हैं। उन्होंने कहा इसके इलावा पापलर के बढिया किस्मों के पौधे हम किसानों को 15रु प्रति पौधा दे रहे हैं जो बाजार मूल्य से आधा भर है ताकि किसान एग्रो फारेस्ट्री की और प्रेरित हों और पंजाब हरा भरा हो और किसानों की आर्थिक दशा भी सुधरे उन्होंने बताया किसान यदि अपने खेत में आम ,नीम ,अर्जुन,जामुन ,शीशम ,तून आदी के पौधे लगाते हैं तो उन्हें ज्यादा सब्सिडी दी जाएगी उन्होंने कहा इससे किसानों को ज्यादा आमदनी तो होगी ही होशियारपुर में वनक्षेत्र भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा पूरे जिले में वन विभाग की कई नर्सरियां हैं जिनमे कीकर ,शीशम ,जामुन ,ड्रेक ,तून आदि के पौधे तैयार हैं और किसानों को ये पौधे मुफ्त में दिए जाते हैं और किसान जब चाहें इनको वन विभाग से ले सकते हैं।

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महावीर सिंह ने कहा इसके अतिरिक्त किसान सबसे महंगी लकड़ी वाले पौधे चन्दन भी रोप सकते हैं ये पौधे हमारी विभिन्न नर्सरियों तथा भटोली दातारपुर के नजदीक हर्बल नर्सरी से प्राप्त किये जा सकते हैं उन्होंने कहा चन्दन का पौधा 20 साल बाद लाखों रु में बिकता है जो किसानों की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगा। महावीर सिंह ने कहा पूरे पंजाब में वनक्षेत्र में होशियारपुर पहले स्थान पर है। वन विभाग के आंकड़े के मुताबिक क्षेत्रफल का एक तिहाई हिस्सा वन रकबा के अधीन आना चाहिए । ऐसा होने पर ही वह इलाका नेशनल फॉरेस्ट पॉलिसी के मापदंडों पर खरा उतरता है। मगर होशियारपुर इलाके में वन रकबा 40 फीसद से ज्यादा है। उन्होंने कहा सरकारी तौर पर वन विभाग के अधीन 16 हजार 36 हेक्टेयर रकबा वन विभाग के अधीन आता है। इसके अलावा निजी जंगल हैं, वह अलग से। उन्होंने कहा होशियारपुर में कंडी इलाका ज्यादा है और शिवालिक पहाडिय़ां हैं। इन में पेड़ पौधे बहुत ज्यादा मात्रा में है। इन्ही वजहों से वन रकबा को मेंटेन करने में मदद मिल रही है। साथ ही जंगल के साथ लगती अद्र्ध पहाड़ी इलाके में होती खेती के साथ वन रकबा को दुरुस्त रखा जा रहा है। उन्होंने कहा दातारपुर, होशियारपुर, शाम चौरासी, महिलपुर, तलवाड़ा आदि अद्र्ध पहाड़ी इलाके वाले किसान खेतों के किनारे पौधे लगाकर हरियाली को बढ़ावा देने का काम करते हैं। इस वजह से वन रकबा बढ़ रहा है। होशियारपुर वन रकबे के मामले में अव्वल स्थान पर है। वन विभाग जंगल में पेड़ों की देखभाल करता है। साथ में हर साल नए पौधे लगाने का हर साल लक्ष्य तय किया जाता है। खास पहलू यह भी है कि यहां के लोगों में पेड़ पौधे लगाने का अच्छा खासा क्रेज है। जंगलों के साथ वाली जमीन पर भी मालिक हर साल पौधे लगाते हैं और उनके बड़े होने तक उनकी संभाल का भी बीड़ा उठाते हैं। यह बहुत ही अच्छी पहल है।

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