कुड़ी सोहणी होवे तां मैंनूं वी लै जाया कर, फिर महिला नेत्री ने जो सुनाया… तो भाग खड़े हुए थे पूर्व पार्षद

कहते हैं अगर किसी को अपना कद देखना हो तो वह चुनाव में खड़ा हो जाए और उसे चंद ही दिनों में पता चल जाएगा कि जो खूबीयां वो खुद में समझता है उसमें कितना दम है तथा वह किस स्वभाव और तबीयत का व्यक्ति है। इसी प्रकार जब चुनाव आते हैं तो कई नेताओं के पोथड़े लोग इस प्रकार बिखेर देते हैं जैसे सर से सीकरी को झाड़ा जाता है। इन दिनों होशियारपुर में भी चुनाव के दिन चल रहे हैं और हर पार्टी का उम्मीदवार एक-दूसरे को हराने के लिए कोई पैंतरा नहीं छोड़ रहा। जिसके चलते चुनावी लड़ाई पर्सनल रंजिश में बदलते भी देर नहीं लगती और कई बार तो हालात बेकाबू होने लगते हैं। ऐसे में हर उम्मीदवार को पूरे संयम के साथ इस लड़ाई को लडऩा चाहिए ताकि चुनाव बीत जाने के बाद भी जब एक दूसरे से मिला जाए तो कोई शिकवा न रहे।

Advertisements

लालाजी स्टैलर की राजनीतिक चुटकी

अरे भाई हम भी किस चर्चा में पड़ गए। जो बात करने लगे थे वो करें और चलें। अपना क्या है जो सुना आपको सुनाया और भाई चर्चा करके हमने भी चुटकी ले ली। अब बात यूं है कि इन दिनों शहर में एक नेता जी जोकि पूर्व पार्षद भी रह चुके हैं, की रंगीन तबीयत के बारे में चर्चाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म है। वैसे तो उन्हें महिलाओं और लड़कियों से बात करने की तमीज नहीं है, लेकिन इस चर्चा से लगता है कि सुन्दर कन्याओं पर उनका दिल बहुत मोहित होता है।

इसका पता हमें भी इन दिनों में ही चला जब उनके बारे में राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार इतना गर्म है कि अब वे उसे झूठा करार देते हुए अपनी जान छुड़ाने में लगे हैं। बात दरअसल यूं हुई कि, कुछ समय पहले की बात है एक महिला नेत्री किसी के वैवाहित जीवन में पैदा हुए विवाद को सुलझाकर आ रहीं थी। इसी दौरान रास्ते में उन्हें रंगीन मजीज वाले नेता जी मिल गए। उन्होंने उनसे पूछ लिया कि कहा से आ रहे हैं तो महिला नेत्री ने जवाब दिया कि किसी लडक़ी का वैवाहित विवाद था उसे निपटाकर आ रही हूं तथा बहुत ही मुश्किल से उनमें सुलह हो पाई। इस पर नेता जी ने चटकारा और जीभ लपकाते हुए कहा कि क्या लडक़ी सुन्दर थी तथा जहां लडक़ी सुन्दर हुआ करे उसे भी साथ लेकर जाया करो।

नेता जी की बात सुनकर महिला नेत्री के तेवर बदल गए और उन्होंने तेरी मां. . . . तथा न जाने कौन-कौन से गाली से उसका सम्मान किया तथा उसे कहा कि उसे ऐसी बात करने से पहले अपनी बेटी की तरफ भी देख लेना चाहिए तथा उसे शर्म आ रही है कि वह उनसे बात कर रही है। महिला नेत्री के तेवर देख नेता जी का तो जैसे…. ही निकल गया तथा उन्होंने वहां से खिस्क जाने में ही भलाई समझी। अपने तेज तर्रार स्वभाव के लिए जानी जाती इस महिला नेत्री की स्पष्टवादिता के चलते उसकी कम ही लोगों से बनती है तथा सच को सच कहने में वो जरा भी संकोच नहीं करती। अब जबकि एक बार फिर से चुनाव आ गए हैं तो उक्त नेता जी को एक बार फिर से महिला नेत्री की याद आई और जब वे उसके पास सहयोग के लिए पहुंचे तो महिला नेत्री की भौंवें तन गईं और उन्होंने उसे वहां से भगा दिया। चर्चाओं का बाजार गर्म क्या हुआ न जाने कितनों को नेता जी इस चर्चा को लेकर अपनी सफाईयां दे चुके हैं तथा अब वे कई लोगों से तो नजऱें भी नहीं मिला पा रहे। अरे भाई शहर की बात कर रहा हूं तो पूर्व पार्षद नेता जी भी शहर के ही होंगे। क्या नेता जी अकाली हैं. . .भाजपा के हैं या कांग्रेसी। अब भाई हम तो आपको बहुत समय पहले ही बता चुके हैं कि महिलाओं के साथ किसे बात करनी नहीं आती। अब मेरा मुंह मत खुलवाओ. . . मैं तो चला। जय राम जी की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here