-आई.एम.ए. सदस्यों ने ग्रीन व्यू पार्क में रैली के बाद मिनी सचिवालय तक किया मार्च, जिलाधीश को सौंपा मांगपत्र-
होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। आईएमए होशियारपुर द्वारा राष्ट्रीय स्तर के विरोध के समर्थन में आईएमए पंजाब राज्य के आह्वान पर आईएमए होशियारपुर के सदस्य ने 6 जून दिन मंगलवार को मुकम्मल हड़ताल की। डाक्टरों व अस्पतालों पर हमले की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर डाक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों पर हिंसा के खिलाफ मजबूत केंद्रीय कानून की मांग की है। अन्य मांगों में निर्णय लेने के लिए चिकित्सा लापरवाही के मामलों में मुआवजे पर ऊपरी सीमा शामिल है। डॉ. कुलदीप सिंह ने कहा कि डॉक्टरों के खिलफ चिकित्सकीय लापरवाही के मामलों को आपराधिक वर्ग के तहत पंजीकरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि डाक्टरों ने जानबूझकर अपने मरीजों को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया है, इसलिए आई.पी.सी. के तहत डाक्टरों के खिलाफ लापरवाही मामलों को दर्ज करना
पूरी तरह से अनुचित है।
यहां तक कि आई.पी.सी. की धारा 88 भी स्पष्ट रुप से उल्लेख किया गया है कि किसी भी कार्य को अच्छे विश्वास में किया जाता है, अगर किसी व्यक्ति को कुछ नुकसान का परिणाम एक अपराध नहीं माना जाएगा। चिकित्सकों ने ग्रीन व्यू पार्क में एक रैली आयोजित की और वहां से शांतिपूर्वक ढंग से मिनी सचिवालय के लिए मार्च किया और अपनी मांगों को सूचीबद्ध करने के लिए एक ज्ञापन जिलाधीश को दिया। होशियारपुर के डाक्टर आई.एम.ए. मुख्यालय के निर्देश पर एक राष्ट्रीय स्तर के विरोध रैली में भाग लेने के लिए दिल्ली गिए। आई.एम.ए. होशियारपुर के उपाध्यक्ष डा. अरविंद कुमार ने कहा कि मैडीकल सर्विस व्यक्तियों और मैडीकल सेवा संस्थानों (हिंसा और संपत्ति को नुकसान) अधिनियम 2008 के पंजाब संरक्षण ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है और एक मृत अधिनियम बन गया है। उन्होंने सख्त
कार्यान्वयन की मांग की। सचिव डा. राजेश मेहता ने मांग की कि सरकार को कर्नाटक सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार मानक संचालन प्रक्रिया जारी करनी चाहिए, जिसमें डाक्टरों पर हमले के मामले में पुलिस अधिकारी का पालन किया जाए।