पंजाब में काले पीलिया के इलाज के लिए 59 केंद्र स्थापित किये: बलबीर सिद्धू

चण्डीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। उच्च जोखिम वाले समूहों को मैडीकल सेवाएं देने के मद्देनजर, पंजाब में साल 2017 से 2020 तक काले पीलिया के इलाज केन्द्रों की संख्या बढ़ा कर 59 कर दी गई है और यह गौरव वाली बात है कि पंजाब माडल की तर्ज पर अब भारत सरकार ने ऐसे मरीजों के इलाज के लिए राष्ट्रीय वायरल हैपेटाईटस कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीएचसीपी) शुरू किया है। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि पंजाब देश में काले पीलिया का मुफ्त इलाज शुरू करने वाला पहला राज्य है। अब तक राज्य में काले पीलिया के लिए 1.83 लाख व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है और काले पीलिया के लिए 91,403 मरीजों का मुफ्त इलाज किया गया है। यह 59 इलाज केंद्र सभी 22 जिला अस्पतालों, 3 जी.एम.सीज़, 13 ए.आर.टी. सैंटर, 11 ओ.एस.टी. साईटों, 9 केंद्रीय जेलों, 1 एसडीएच में कार्यशील हैं।

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उन्होंने कहा कि हैपटोलोजी विभाग, पी.जी.आई., चण्डीगढ़, सरकारी मैडीकल कालेज, फरीदकोट और पटियाला नामी 3 माडल ट्रीटमेंट सैंटर काले पीलिया के प्रबंधन के लिए राज्य के मैडीकल माहिरों और डाक्टरों के सामथ्र्य में वृद्धि के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 93 फीसद की दर के साथ लगभग 74,000 मरीजों ने अपना पूरा इलाज करवाया। सभी बेसलाईन टैस्ट, वायरल लोड टैस्ट और इलाज बिना किसी परेशानी से सभी मरीजों को मुफ्त मुहैया करवाए जा रहे हैं। कैप्टन सरकार के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तरफ से इस पहलकदमी के बारे बताते हुए स. सिद्धू ने कहा कि साल 2017 में पंजाब स्टेट एडज कंट्रोल सोसायटी के अधीन सभी ओएसटी सैंटरों में 13 ए.आर.टी. सैंटरों और इंटरावेनस ड्रग यूजरज़ में काले पीलिया की जांच और प्रबंधन शुरू करने के लिए भी पंजाब पहला राज्य बन गया है। उन्होंने आगे कहा कि लगभग 28,000 एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों की काले पीलिया के लिए जांच की गई और 2600 से अधिक लोगों का मुफ्त इलाज किया गया।

स. सिद्धू ने कहा कि इन मुफ्त सेवाओं के कारण सभी मरीजों को काफी राहत मिली है क्योंकि काले पीलिया की दवाएँ महँगी हैं और इसका खर्च बहुत ज्यादा है। जेलों में उच्च जोखिम वाले समूहों को सुरक्षित करने के लिए की गई कार्यवाही के बारे बताते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फाऊंडेशन आफ इनोवेटिव न्यू डायगनोस्टिकस और क्लिंटन हैल्थ एक्सैस इनीशीएटिव के सहयोग से काले पीलिया के लिए जेल कैदियों की जांच शुरू करने वाला भी पंजाब पहला राज्य बन गया है, जिसके अंतर्गत 9 केंद्रीय जेलों के 15,000 कैदियों की जांच की गई और अब तक 1300 कैदियों का काले पीलिया के लिए मुफ्त इलाज किया जा चुका है। पंजाब सरकार की तरफ से उच्च जोखिम वाले अन्य समूहों की भी जांच शुरू की गई जिसमें गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।

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