कृषि कानून: प्रस्ताव पर वोट करने से पहले ही सदन से वॉकआउट करने से आप का किसान विरोधी चेहरा फिर से हुआ नंगा: अमरिन्दर सिंह

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज यहाँ खेती कानूनों को रद्द करने सम्बन्धी लाए प्रस्ताव पर वोट करने से पहले आप द्वारा सदन से वॉकआउट के कारण खेती कानूनों और किसान आंदोलन के मुद्दे पर फिर से अपने असली रंग दिखाने के लिए आम आदमी पार्टी की कड़ी निंदा की।यहाँ जारी एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि आप पार्टी किसानों या उनके हितों की रक्षा के प्रति सचमुच कभी भी चिंतित नहीं थी और इसकी लीडरशिप ने एक बार फिर ख़ुद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एजंट साबित किया है जिसके साथ मिलकर ‘आप’ के राष्ट्रीय कनवीनर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल आंदोलनकारी किसानों के विरुद्ध साजिशें रच रहे हैं।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इससे पहले सदन के सदस्यों को तीन खेती कानूनों में से एक को लागू करने की दिल्ली गज़ट नोटिफिकेशन की कॉपी दिखाते हुए दोहराया कि आप पार्टी किसानों के समर्थन में अपने झूठे प्रचार के द्वारा किसानों के साथ धोखा कर रही है।

Advertisements

पंजाब के मामलों पर इससे पहले आप द्वारा लिए गए यू-टर्नों बारे बात करते हुए उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि उन्होंने बार-बार किसानों की पीठ पर वार किया है और वह ऐसा पहले भी कर चुके हैं।वॉकआउट से पहले आप विधायकों ने सदन में बड़े स्तर पर हंगामा किया और दोष लगाया कि मुख्यमंत्री कृषि सुधारों बारे केंद्र की तरफ से बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के मैंबर हैं और इस तरह खेती कानूनों पर फ़ैसला लेने वाली पार्टी हैं। हालाँकि मुख्यमंत्री ने ख़ुद यह स्पष्ट किया है कि वह कमेटी की किसी भी बैठक में मौजूद नहीं थे और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल एक मीटिंग में शामिल हुए थे जबकि अगली मीटिंग में एक अधिकारी ने हिस्सा लिया था। मनप्रीत सिंह बादल ने भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार को इन ऑर्डीनैंसों की कोई जानकारी नहीं थी जिसको कि ‘आप’ ने सदन में हंगामे का मुद्दा बनाने के लिए चुना है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि ‘आप’ सच्चाई जानने में रूचि नहीं रखती परन्तु इस मुद्दे पर गलत जानकारी फैलाने के अपने संकुचित एजंडे को जारी रखना चाहती है। सदन में मनप्रीत सिंह बादल की तरफ से किये गए जि़क्र के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सदन में रखे अनुसार कमेटी की मीटिंगों सभी नुक्ते उपलब्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र को भेजे पत्र पर कमेटी में पंजाब को शामिल करने के बाद हुई दोनों मीटिंगों में उनकी सरकार ने केंद्र को स्पष्ट तौर पर एम.एस.पी. में किसी भी तरह की छेड़-छाड़ करने के विरुद्ध सावधान किया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here