कैदी बलविन्दर सिंह द्वारा नाभा जेल अधिकारियों पर लगाए गए मारपीट के आरोप बेतुके, भ्रामक और बेबुनियाद

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। नाभा जेल के डिप्टी सुपरिडेंट गुरप्रीत सिंह पर मारपीट का दोष लगाने वाले पटीशनर बलविन्दर सिंह ने मैडीकल रिपोर्ट में कोई भी शारीरिक चोट का सबूत न होने के कारण हाई कोर्ट में से अपनी पटीशन वापस ले ली है।बलविन्दर सिंह ने 3 मार्च, 2021 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड करते हुए उच्च सुरक्षा वाली नाभा जेल के अधिकारियों पर बुरे व्यवहार और मारपीट का दोष लगाया था। नतीजतन डाक्टरों के बोर्ड ने कैदी की डॉक्टरी जांच की और उसकी मैडीकल रिपोर्ट में मारपीट सम्बन्धी कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिला।

Advertisements

यह पाया गया है कि ये आरोप बेबुनियाद, बेतुके थे और जेल विभाग के अधिकारियों की छवि को खऱाब करने की योजना के अंतर्गत लगाए गए थे। इसलिए पटीशन माननीय हाई कोर्ट के सामने टिक नहीं सकी।बलविन्दर सिंह एक कुख्यात अपराधी है और उसके विरुद्ध कत्ल और चोरी समेत गुंडागर्दी के 13 मामले दर्ज हैं। ग़ैर-कानूनी गतिविधियों के कारण उसे एक जेल से दूसरी जेल में हस्तांतरित किया जाता रहा है।जेल मंत्री सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आगे कहा, ‘‘हम कैदियों के अधिकारों को कायम रखने की कोशिश करते हैं और जेल में रहने के दौरान उनके लिए उपयुक्त माहौल मुहैया कराने के यत्न करते हैं।’’ए.डी.जी.पी. (जेल) प्रवीण सिन्हा ने कहा कि जेल विभाग कैदियों के मानव अधिकारों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने जेल प्रबंधन में सुधारवादी बदलाव लाने के लिए लोगों के सहयोग की माँग की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here