होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। प्रसिद्ध समाजसेवी परमजीत सचदेवा ने अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में शिमला पहाड़ी, होशियारपुर में एक रोष प्रदर्शन किया तथा केन्द्र सरकार के विरूद्ध नारे लगाये। उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से किसानों का संघर्ष चल रहा है। पहले पंजाब में और अब दिल्ली के बार्डरों पर किसान धरना देकर बैठे हैं।
लगभग 300 के करीब किसान शहीद हो चुके हैं पर सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। सरकार बार-बार एक ही रट्ट लगाई जा रही है कि यह कानून किसानों के हित में हैं तथा उनके भले के लिए लागू किये गये हैं। पर अगर किसानों की बात की जाये तो वो यह कहते हैं कि यह कानून हमारे भले के लिए बल्कि हमारी मौत का फुरमान है तथा हम अपनी आने वाली नस्लों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। देश में किसानों की हालत बहुत ही खराब है, रोज़ाना ही अख़बारों में किसानों की खुदकुशी की ख़बरें छपती है। इसका मतलब है कि देश के समूह किसान मुश्किल में हैं तथा इसका हल निकाला जाना चाहिए। पर सरकार ने इन किसानों की मुश्किल दूर करने की बजाये ज़बरदस्ती यह तीन काले कानून थोप दिए हैं जिनका किसानों को कोई फायदा नहीं बल्कि कार्पोरेट घरानों को ही इसका फायदा है।
दूसरा केन्द्र सरकार इतने घमंड में आई हुई है कि इतने किसान शहीद हो चुके हैं पर सरकार का कोई भी मन्त्री किसी भी शहीद किसान के परिवार के साथ हमदर्दी व्यक्त करने नहीं गया। क्या यह किसान देश के नागरिक नही हैं ? एक तरफ प्रधानमन्त्री मोदी किसानों को कहते हैं कि वो एक फोन कॉल की दूरी पर हैं, क्या वो खुद किसानों को एक फोन नहीं कर सकते? प्रधानमन्त्री बंगलादेश का दौरा कर सकते हैं, बंगाल में चुनावी प्रचार कर सकते हैं पर दिल्ली के बार्डरों पर बैठे किसानों के पास जाने के लिए उनके पास समय नहीं है। लगता है कि सत्ता के घमंड में प्रधानमन्त्री मोदी भूल गये हैं कि इन लोगों ने ही वोट डालकर उनको प्रधानमन्त्री बनाया है।
हम सरकार से मांग करते हैं कि तीनो काले कानून रद्द किये जाये तथा एक कमेटी बनाई जाये जिसमें सभी पार्टियों के नुमांईदे, किसानों के नुमांईंदे तथा खेती माहिर शामिल हो जोकि सर्वसम्मति से नये खेती के कानून बनाये तथा पहले इन नये कानूनों को किसी एक राज में थोड़ी देर के लिए लागू करके इसके परिणाम देखे जायें। इनमें जो भी कमी-पेशी हो उनको दूर करके सभी देश में लागू किया जाये। परमजीत सचदेवा ने कहा कि जब तक किसानों की मांगे मानी नही जाती तब तक हम उनके संघर्ष में कन्धे से कन्धा जोडक़र उनका साथ देंगे।