24×7 सक्रिय हैल्पलाइन के द्वारा बैडों की मौजूदा स्थिति संबंधी तत्काल जानकारी हासिल होगी

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। राज्य सरकार की 104 हेल्पलाइन नंबर के द्वारा अस्पतालों में मौजूदा बैडों संबंधी 24×7 तत्काल जानकारी हासिल होगी। इस संबंधी फ़ैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता में कोविड की मौजूदा स्थिति संबंधी जायज़ा लेने के लिए हुई उच्च स्तरीय मीटिंग के दौरान लिया गया। देश के अलग-अलग हिस्सों में कोविड मरीजों के लिए बैडों की कमी पर चिंता ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में बैडों की मौजूदगी के संबंध में वर्तमान स्थिति के तुलनात्मक आधार पर पंजाब में स्थिति बेहतर है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कोविड देखभाल के लिए एल-2 और एल-3 सुविधाओं में 75 प्रतिशत बैड आरक्षित रखने को यकीनी बनाने के अलावा गैर-जरूरी सर्जरियों पर मुकम्मल पाबंदी लगाने के आदेश दिए जिससे अस्पताल कोविड मरीजों के इलाज पर ध्यान दे सकें। मुख्यमंत्री ने राज्य में मिलिटरी अस्पतालों में कोविड देखभाल के लिए विशेष तौर पर और बैड और मानव शक्ति की व्यवस्था करने के लिए किये जा रहे यत्नों के लिए वेस्टर्न कमांड की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ताज़ा पाबंदियों के साथ समूचे तौर पर स्थिति स्थिर हुई है।

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उन्होंने कहा कि मृत्युदर पहले ही 1.75 प्रतिशत से कम होकर 1.4 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने कहा, “हमारी 1.09 की आर नोट वेल्यु क्षेत्र में कम है और राष्ट्रीय औसत से भी बहुत नीचे है परन्तु हमारी पॉजीटीविटी दर अभी भी 10.3 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी तरह की ढील के लिए कोई जगह नहीं और राज्य को किसी भी तरह की आपात स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को कहा कि पाबंदियों के सख़्ती से पालन को यकीनी बनाया जाये जिससे राज्य में कोविड के फैलाव को रोका जा सके। इसी दौरान डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि सरकारी नियमों के मुताबिक सीमित जलसे को यकीनी बनाने के लिए 220 कंटैक्ट ट्रेसिंग टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्यभर में दोषी मैरिज पेलेस मालिकों के खि़लाफ़ 156 एफ.आई.आर. दर्ज की जा चुकीं हैं।

मुख्यमंत्री ने टैस्टों की बढ़ी हुई संख्या पर संतोष जाहिर किया। रोजमर्रा के सैंपलों की संख्या अब 50,000 पार कर गई है। उनको अवगत करवाया गया कि राज्य में आर.टी. -पी.सी.आर. टैस्टों का सामथ्र्य 43,000 पर पहुँच गया है जिसको आगे बढ़ाते हुये 60,000 प्रति दिन तक ले जाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने जिलों को कहा कि आर.ए.टी. टैस्टों की संख्या बढ़ाने और उचित सैंपलों को यकीनी बनाया जाये, खास कर कंटैकट ट्रेसिंग के मामलों में। राज्य में आक्सीजन की उपलब्धता का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि वह पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन को पत्र लिख कर आक्सीजन की निर्विघ्न सप्लाई के लिए निजी दखल देने की माँग कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में संकट पर काबू पाने के लिए 136 एम.टी. अलाट की गई है जिसमें राज्य में निर्माण की जाती 32 एम.टी. भी शामिल है। उन्होंने उद्योग विभाग को भी निर्देश दिए कि आक्सीजन सप्लाई की उपलब्धता यकीनी बनाई जाये और स्वास्थ्य विभाग सरकारी और प्राईवेट दोनों तरह के अस्पतालों में उचित और समय पर इलाज को यकीनी बनाऐं। उन्होंने आक्सीजन के सही प्रयोग को यकीनी बनाने और किसी भी तरह की जमाखोरी को रोकने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने राज्य में सरकारी कोविड एकांतवास सेवाओं में 234 आक्सीजन कंसनटरेटरज उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की कोशिशों की भी सराहना की। इससे राज्य आक्सीजन के उपयुक्त प्रयोग और स्तर -2 पर मरीजों के लिए अपेक्षित आक्सीजन मुहैया करवाने के योग्य हो गया है। इससे पहले मुख्य सचिव विनी महाजन ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि उद्योग विभाग की तरफ से पहले ही ए.एस.यू. रीफिलिंग यूनिटों में सप्लाई और माँग के 24&7 निगरानी के लिए टीमें बनाई जा चुकीं हैं जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि गैर -कोविड मामलों के लिए आक्सीजन का इस्तेमाल न हो।

विशेष टीमें पंजाब में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मनोनीत सप्लायरज से तरल आक्सीजन की सप्लाई के लिए तालमेल करेंगी। राज्य में आक्सीजन की जमाखोरी पर कार्यवाही के हुक्म देते हुये मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर कहा कि किसी भी व्यापारी या उत्पादक को तरल मैडीकल आक्सीजन (एल.एम.ओ.) की गैर-कानूनी ढंग से जमाखोरी की इजाजत नहीं दी जायेगी और जो भी इस मामले में दोषी पाया गया, उसके साथ सख्ती से निपटा जायेगा। मुख्य सचिव ने बताया कि इस सम्बन्धी विस्तृत दिशा निर्देश उद्योग, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग को पहले ही दिए जा चुके हैं जिससे इनकी पालना यकीनी बनाई जा सके। मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान मंत्री ओ.पी.सोनी, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव उद्योग और वाणिज्य अलोक शेखर, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य हुसन लाल और प्रमुख सचिव मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान डी.के.तिवाड़ी के अलावा सम्बन्धित विभागों के अन्य सीनियर अधिकारी उपस्थित थे।

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