उद्योगों के लिए नियमित मंजूरियां जारी करने की प्रक्रिया सरल बनाई जाये: मुख्य सचिव

चंडीगढ़, 29 अप्रैल उद्योगों से नियम और शर्तों के बोझ को घटाने और पंजाब एंटी रेड टेप एक्ट को सही अर्थों में लागू करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की वचनबद्धता को पूरा करने की दिशा में कदम उठाते हुये पंजाब की मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने आज यहाँ आवास निर्माण और शहरी विकास और स्थानीय निकाय विभाग को निर्देश दिए कि राज्य में विभिन्न रेगुलेटरी मंजूरियां जारी करने की प्रक्रियाओं को और सरल और सुचारू बनाया जाये। उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुये उन्होंने लाजिमी मंजूरियों की माँग वाले आवेदनों पर ऐतराज जताने के लिए सम्बन्धित विभागों के लिए सात दिन की समय सीमा तय कर दी है। आज यहाँ सीनियर अधिकारियों की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पंजाब में कारोबार करने को आसान बनाने के लिए वचनबद्ध है और रेगुलेटरी मंजूरी जारी करने की प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रही है। पंजाब एंटी रेड टेप एक्ट प्रक्रियाओं पर फिर विचार करते हुये 6 महीनों के अंदर नियम और शर्तों के बोझ को कम से कम 50 प्रतिशत तक घटाने की बात करता है। मंजूरियां देने के लिए अपेक्षित दस्तावेजी कार्यवाही को घटाने के लिए आवास निर्माण और शहरी विकास और स्थानीय निकाय विभाग मिल कर काम करेंगे।

Advertisements

अधिकारियों को आवेदन प्राप्त होने के 7 दिनों के अंदर अंदर ऐतराज, अगर कोई हो, दर्ज करवाने के लिए कहा है और इसके बाद कोई नया ऐतराज नहीं उठाया जायेगा। राज्य में निवेश को आकर्षित करने और कारोबार करने को आसान बनाने के लिए राज्य सरकार के संकल्प के अंतर्गत मुख्य सचिव ने दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों को किसी खास मंजूरी के लिए जरुरी दस्तावेजों के बारे निवेशकों को आगामी सूचित करने के निर्देश दिए। श्रीमती महाजन ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा कि दस्तावेजों की निर्धारित सूची के इलावा निवेशकों से और कोई भी फाल्तू दस्तावेज न माँगे जाए जिससे निर्धारित समय सीमा के अंदर परेशानी रहित मंजूरियों को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने इनवेस्टमैंट परमोशन के अधिकारियों को कहा कि मंजूरियों के लिए जरुरी दस्तावेजों की सूची को इनवैस्ट पंजाब बिजनेस फस्ट पोर्टल पर अपडेट करने की हिदायत की। मीटिंग में अपने मौजूदा कामों के विस्तार के लिए काम कर रहे उद्योगपतियों के लिए दस्तावेजी जरूरतों को घटाने का फैसला भी किया गया। विभागों को निर्देश दिए गए कि निवेशकों से पूछने की बजाय जितना भी संभव हो सके अपने अंदुरूनी रिकार्डों में से दस्तावेज प्राप्त किये जाएँ। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को विभागों में अपनाई जाती लम्बी प्रक्रिया को घटाने की सलाह दी जिससे मंजूरियां जारी करने में देरी होती है जिसके नतीजे के तौर पर निवेशकों में निराशा पैदा होती है। मीटिंग में अन्यों के इलावा प्रमुख सचिव आवास निर्माण और शहरी विकास सरवजीत सिंह, प्रमुख सचिव इनवेस्टमैंट परमोशन श्री अलोक शेखर, प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय अजोए कुमार सिन्हा, सीईओ इनवैस्ट पंजाब रजत अग्रवाल और जे.सी.ई.ओ. इनवैस्ट पंजाब अवनीत कौर भी मौजूद थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here