चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी ने एक 13 साल की नाबालिग लड़की के साथ जबरन बलात्कार और गर्भ धारण करने सम्बन्धी मीडिया की एक रिपोर्ट सामने आने के उपरांत पीड़ित लड़की को पाँच दिनों के अंदर 1 लाख रुपए की वित्तीय राहत उपलब्ध करवाना यकीनी बना कर एक नयी मिसाल कायम की। पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी के मैंबर सचिव ने तुरंत कार्यवाही अमल में लाई और जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी, बठिंडा के सचिव को नालसा की यौन शोषण और अन्य अपराधों की पीड़ित महिलाओं के लिए मुआवजा योजना -2018 के अंतर्गत मुआवजे के रूप में कानूनी सहायता और अपेक्षित वित्तीय राहत मुहैया करवाने के लिए निर्देश दिए। इसके उपरांत जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी, बठिंडा के सचिव ने केस से जुड़ी सारी जानकारी एकत्रित की। पीड़ित लड़की के सरप्रस्त के साथ संपर्क किया गया और मुआवजा हासिल करने सम्बन्धी अपने अधिकार और कानूनी सेवा लेने संबंधी जागरूक किया गया। नतीजे के तौर पर, कानूनी सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया गया और मुआवजे की ग्रांट के लिए विशेष अदालत में आवेदन दायर किया गया। विशेष अदालत ने पीड़ित को 1,06,250 रुपए का अंतरिम मुआवजा देने के लिए आदेश दिया और राज्यअथारिटी ने आज पीड़ित को मुआवजा जारी कर दिया। यह सारी प्रक्रिया 5 दिनों के अंदर मुकम्मल की गई।
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के जज और पंजाब राज्य कानूनी सेवाएं अथारिटी के कार्यकारी चेयरमैन जस्टिस अजय तिवारी के दूरदर्शी नेतृत्व अधीन पंजाब राज्यकानूनी सेवाएं अथारिटी तेजाबी हमला, जबरन-बलात्कार, जलाने की घटनाओं और स्थायी अपंगता के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान कर रही है। कानूनी सेवाएं अथारिटी की तरफ से राज्य में साल 2020-21 दौरान 5 करोड़ रुपए से अधिक मुआवजा दिया गया। राज्य अथारटी ऐसे मामलों में पीड़ितों को उचित राहत यकीनी बनाने के लिए हर संभव यत्न कर रही है। पंजाब राज्य कानूनी सेवाओं अथारिटी पंजाब पीड़ित मुआवजा स्कीम -2017 और नालसा की यौन शोषण और अन्य अपराधों की पीड़ित महिलाओं के लिए मुआवजा योजना -2018 के अंतर्गत मुआवजे के लिए योग्य ऐसे पीड़ितों को कानूनी सहायता और वित्तीय राहत देने के लिए वचनबद्ध है।