होशियारपुर(द स्टैलर न्यूज़)। सोशल मीडिया पर सरकारी हाई स्मार्ट स्कूल सिंबली जिला होशियारपुर संबंधी वीडियो व खबरों को स्कूल की मुख्य अध्यापिका मीनाक्षी भल्ला ने बेबुनियाद व गुमराह बताया। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार की हिदायतों मुताबिक अध्यापक स्कूल में हाजिर होने के कारण कोई न कोई बच्चा अपने पढ़ाई संबंधी शंका दूर करने के लिऐ स्कूल आ जाता था जिस तरह एक डाक्टर का फर्ज होता है वह मरीज को पहल के आधार पर देखे इसी तरह अध्यापक का भी फर्ज होता है कि वह अपने विद्यार्थी की बात सुने। बीते दिन सिर्फ चार बच्चे खुद स्कूल में आ गए थे व उन्होंने अध्यापिका को कुछ पाठ समझाने के लिए कहा।
अध्यापिका ने उनकी शंका दूर करके उसको वापिस भेज दिया जबकि कुछ शरारती अनसरों ने सोशल मीडिया पर यह बात फैला दी कि इस स्कूल में कक्षाएं लगी है व 3 मई को 20-25 बच्चे कलास में हाजिर थे। श्रीमति भल्ला ने बताया कि स्कूल के स्टॉफ ने इस संबंधी सचिव स्कूल शिक्षा पंजाब, जिलाधीश होशियारपुर व जिला शिक्षा अधिकारी होशियारपुर को हकीकत से अवगत करवा दिया है। उन्होने कहा कि अगर अध्यापक चार बच्चों को उसके सिलेबस संबंधी न समझाते तो अध्यापकों पर आरोप लगता है कि उन्होंने बच्चों की बात नहीं सुनी। अगर एक हाई स्कूल में चार विद्यार्थी आ गए व उनकी शंका दूर करने के लिए कोविड नियमों की पालना करते हुए उनको कुछ समझा दिया तो यह अध्यापकों का नैतिक फर्ज बनता था, लेकिन जिस तरह इस संबंधी खबरें फैलाई गई उससे लगता है कि कुछ शरारती व्यक्तियों ने स्कूल या किसी व्यक्ति विशेष को बदनाम करने के लिए ऐसा किया। इसकी जांच करके उच्च अधिकारियों को कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा।