सरकार कोरोना महामारी में काम ठप्प होने के कारण हर परिवार को 10 हज़ार की आर्थिक सहायता दे: हीर

होशियारपुर, 8 मई: सामाजिक संघर्ष पार्टी पंजाब के अध्यक्ष मास्टर महिंद्र सिंह हीर ने एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण लगभग डेढ साल से समूचे पंजाब वासियों के काम ठप्प पड़े हैं जिसके कारण हर परिवार का आर्थिक ढांचा डावांडोल हो चुका है परन्तु सरकार द्वारा आज तक इन परिवारों की आर्थिक दशा को पटरी पर लाने के लिए कोई भी आर्थिक सहायता नहीं की गई है।

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बल्कि हर स्तर पर बढ़ती महंगाई ने हर किसी का जीना दूभर कर दिया है जबकि महंगाई के दौरान सरकार की विशेष जिम्मेदारी बनती है कि वो इस मुश्किल समय  में पंजाब वासियों की सहायता करे। श्री हीर ने पंजाब सरकार से जोरदार मांग की कि वो हर परिवार के खाते में दस हज़ार रुपये महीना डाले ताकि वे अपना जीवन निर्वाह कर सकें । उन्होने यह भी कहा कि पंजाब का हर आदमी सुबह से लेकर शाम तक जो वस्तुएं खरीदता है, उन पर टैक्स देता है जो किस शाम तक सरकार के खाते में जमा हो जाता है। इसके बदले में सरकार द्वारा आम जनता को कोई भी सुविधा नहीं दी जाती। उन्होने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो भूखे प्यासे लोग सड़कों पर आ कर सरकार का जीना मुश्किल कर देंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

समाजिक संघर्ष पार्टी के सभी नेताओं सर्वश्री जसविन्द्र सिंह, इंजी. किशोर गुरु, मास्टर महिंद्र सिंह हीर, तीर्थ राम तोगडि़या, हरचंद सिंह जॅखवाली, कुलवंत सिंह चोहान, हरविंद्र सिंह प्रिंस, हरदयाल सिंह (पूर्व एस.डी.ओ.), नम्बरदार सुखविन्द्र लाल, हरदयाल सिंह कौड़ा, जसदीप सिंह मिट्ठु, हरजिन्द्र सिंह रंधावा तथा अमरीक सिंह ने एक संयुक्त प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि सरकार के पास कोरोना की दूसरी तथा तीसरी लहर के खतरनाक होने के बारे में पहले से सूचना थी परन्तु इस महामारी को रोकने के लिए पूरे स्वास्थ्य प्रबन्ध ना होने के कारण  कोरोना के मरीज़ो तथा मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है जो कि बड़ी चिंता का विषय है। उन्होने सरकार से इस तरफ अपनी विशेष जिम्मेदारी निभाने की मांग की।

श्री हीर ने सरकार को यह भी याद करवाया कि उसने 2017 के चुनावों में किसानो, अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों के कर्जे माफ करने का वादा किया था। किसानो के तो दो लाख तक के कर्जे माफ कर दिये गए पर अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों के  कर्जों का एक रुपया भी माफ नहीं किया। जो की इस वर्ग के साथ शरेआम धोखा है, जबकि सरकार का कार्यकाल भी खत्म होने को है। उन्होने बड़ी सख्ती से सरकार से इस वर्ग के दो लाख रुपये तक के कर्जे माफ करने की मांग की तथा चुनावी वादों के अनुसार रोज़गार देने, मुफ्त स्तरीय शिक्षा देने, बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें देने, कच्चे तथा ठेके पर रखे हुए कर्मचारियों को पक्के करने तथा मुलाजिमों तथा पैनशनर्ज़ को पे कमिश्न देने आदि सभी वादे पूरे करने की याद भी दिलाई तथा कहा कि अब की बार 2022 में लोगों की आंखों में धूल झोंक कर कोई भी पार्टी वोट नहीं ले सकेगी।

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