डिप्टी कमिश्नर ने कोविड के इलाज में लापरवाही करने वाले अस्पतालों ख़िलाफ़ ज़ीरो टालरैंस नीति अपनाने और एफ.आई.आर दर्ज करने की बात कही

जालंधर ,27 मई: इलाज में लापरवाही और ज्यादा पैसे वसूलने वाले अस्पतालों पर शिंकजा कसते हुए डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी ने इस प्रकार के अस्पतालों के विरुद्ध एफ.आई.आर.दर्ज करने की सिफ़ारिश की है। पुलिस कमिश्नर जालंधर के साथ बातचीत करते हुए डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इस केस की पुलिस विभाग की तरफ से पड़ताल की जाए और यदि आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो कानून अनुसार समशेर अस्पताल के ख़िलाफ़ बनता केस दर्ज किया जाये।

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ज़िक्रयोग्य है कि डिप्टी कमिश्नर की तरफ से 18 मई को स्वास्थ्य आधिकारियों की तरफ से कोविड के इलाज में कमिया होने  पर फ़ाल्तू पैसे लेने की पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर इस अस्पताल में कोविड की लैवल -2 सुविधा (नए मरीज़ों के दाख़िले) को स्थगित कर दिया गया था। मृतक मरीज़ के पारिवारिक सदस्यों ने शिकायत की थी कि मरीज़ को बीमार होने पर इलाज के लिए समशेर अस्पताल लाया गया, जहाँ उसे बिना आरटी -पीसीआर टैस्ट के लैवल-2 कोविड केयर वार्ड में दाख़िल कर लिया गया।

शिकायत करने वाले ने आरोप लगाया कि अस्पताल की तरफ से बड़ी लापरवाही करते हुए मरीज़ का कोविड सैंटर में लैवल-2 का इलाज करने की जगह लैवल -3 का इलाज किया गया, जिसके लिए अस्पताल योग्य नहीं था,और मरीज़ की ज़िंदगी को बड़ा ख़तरा पैदा हो गया,साथ ही अस्पताल पर दवाओं और टीकों के अधिक पैसे लेने के आरोप भी लगाए गए।

समिति ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में बताया गया है कि अस्पताल की तरफ से दवाएँ जारी करने और लगाने में फ़र्क है, मरीज़ के इलाज में मियाद ख़त्म हुई दवाओं का प्रयोग किया गया और अस्पताल की तरफ से मरीज़ का कोविड टैस्ट उस लैबारटरी से करवाया गया जो यह टैस्ट करने के योग्य नहीं थी। इस उपरांत समिति की रिपोर्ट के आधार पर डिप्टी कमिश्नर की तरफ से सबंधित अस्पताल के ख़िलाफ़ एफ.आई.आर.दर्ज करने की सिफारिश की गई थी।

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