मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त मुख्य सचिव बिजली को स्कूल शिक्षा माॅडल के पैटर्न पर स्टाफ को तर्कसंगत बनाने के लिए कहा

चंडगीढ़(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज अतिरिक्त मुख्य सचिव बिजली अनुराग अग्रवाल को राज्य के कुछ हिस्सों में तैनात अतिरिक्त स्टाफ को तर्कसंगत बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के पैटर्न अनुसार काम करने के लिए कहा है। बिजली विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अनुराग अग्रवाल को हिदायत की कि वह सरहदी क्षेत्रों में काम कर रहे अध्यापकों के लिए बनाए गए अलग काडर की तर्ज पर जरूरत अनुसार अपने स्टाफ को उचित तरीकेे से तैनात करने के लिए एक व्यवहार्य तर्कशील नीति लागू करें। इसी तरह मुख्यमंत्री ने उनको पी.एस.पी.सी.एल. में मानव संसाधन के उपयुक्त प्रयोग को यकीनी बनाने के लिए क्षेत्रवार भर्ती के लिए रूप-रेखा तैयार करने के लिए भी कहा।
विभिन्न विभागों द्वारा लगभग 2142 करोड़ रुपए के बिलों के भारी-भरकम बकाये पर चिंता जाहिर करते कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रमुख सचिव वित्त को सम्बन्धित विभागों के बजट अलाॅटमेंट में वृद्धि करने की हिदायत की जिससे वह इस सम्बन्ध में तुरंत भुगतान कर सकें।
मुख्यमंत्री ने पी.एस.पी.सी.एल. के सी.एम.डी. ए वेनू प्रसाद को कहा कि वह आगामी धान के बिजाई सीजन के दौरान किसानों को आठ घंटे निर्विघ्न बिजली सप्लाई करना यकीनी बनाएं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम के मद्देनजर घरेलू बिजली सप्लाई पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
राज्य में नये बिजली सब स्टेशन स्थापित करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने सी.एम.डी. को विशेष तौर पर एम्ज बठिंडा और कैंसर अस्पताल संगरूर जैसे अस्पतालों के अलावा अन्य जरूरी क्षेत्रों में प्राथमिक आधार पर 66 के.वी. सब स्टेशन स्थापित करने की हिदायत की। एक संक्षिप्त प्रस्तुति देते हुए अरिरिक्त मुख्य सचिव बिजली अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को अधूरे / लम्बित प्रोजेक्टों, अंतरविभागीय मुद्दों, वित्तीय जरूरतों और विभाग द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों बारे अवगत करवाया।
चल रहे प्रोजेक्टों के सम्बन्ध में अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को शाहपुर कंडी डैम प्रोजैक्ट और डी.डी.यू.जी.जे.वाई. स्कीम की स्थिति बारे अवगत करवाया। मुख्यमंत्री को यह भी बताया गया कि कुल 26 करोड़ रुपए की लागत वाले 7 नये 66 के.वी. सब-स्टेशनों को चालू किया जा रहा है और यह काम 31 दिसंबर 2021 तक मुकम्मल हो जायेगा। इसके अलावा कुल 38 करोड़ रुपए की लागत से 10 नयी 66 के.वी. लाईनों का काम प्रगति अधीन है और 30 नवंबर 2021 तक मुकम्मल होने की संभावना है। वाल्ड सिटी पटियाला में बिजली से संबंधित सुधार कार्यों के लिए 40 करोड़ रुपए की लागत से द वाल्ड सिटी प्रोजैक्ट को मंजूरी दी गई है। कार्य प्रगति अधीन है और 31 दिसंबर 2021 तक पूरा होने की संभावना है।इस दौरान ए. वेनू प्रसाद ने मुख्यमंत्री को चालू धान के सीजन में बिजली सप्लाई के लिए पी.एस.पी.सी.एल. की तैयारी बारे भी जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने हाल ही में पी.एस.पी.सी.एल. को एन.टी.पी.सी. और एन.एच.पी.सी. के साथ उच्च लागत वाले बिजली खरीद समझौते (पी.पी.एज) रद्द करने के लिए हाल ही में सहमति दे दी है। उन्होंने महत्वपूर्ण पहलकदमियों जैसे कि नये 66 के.वी. सब-स्टेशनों का निर्माण, डिजिटल भुगतानों को बढ़ावा देना, नुक्सान घटाने के लिए स्मार्ट मीटरों की शुरुआत आदि बारे भी बताया।

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मीटिंग में यह भी बताया गया कि राज्य में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र अधीन 169.55 मेगावाट क्षमता वाले छोटे पन बिजली प्रोजैक्ट चालू किये गए हैं, 20 मेगावाट क्षमता वाले केनल टाॅप सोलर पीवी प्रोजैक्ट चल रहे हैं, राज्य में अब तक सरकारी स्कूलों समेत सरकारी और प्राईवेट इमारतों पर 73.9 मेगावाट क्षमता के छत वाले (रूफटाॅप) सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं और 15.37 मेगावाट क्षमता के अन्य प्राजैक्ट मार्च 2022 तक मुकम्मल हो जाएंगे। राज्य के गाँवों में 89423 सोलर स्ट्रीट लाईटें लगाई गई हैं और मार्च 2022 तक और 19000 सोलर स्ट्रीट लाईटें लगाई जाएंगी।

कृषि पंपों के सोलराईजेशन प्रोग्राम के अंतर्गत 3000 सोलर पंप स्थापित किये जा चुके हैं और मार्च, 2022 तक 6500 और सोलर पंप लगाए जाएंगे। राज्य में 66 केवी सब-स्टेशन को कृषि बिजली की सप्लाई के लिए किसानों को 1 और 2 मेगावाट क्षमता के कुल 220 मेगावाट क्षमता वाले सौर ऊर्जा प्लांट अलाॅट किये जाएंगे। इसके अलावा फीडर स्तर सोलराईजेशन प्रोग्राम के जरिये ग्रिड के साथ जुड़े 25000 पंपों को सोलराईज किया जायेगा।

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