दातारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। आमतौर पर यकृत में सूजन की वजह से हेपेटाइटिस होता है। आज कमाही देवी के बह चूहड़ के सुदामा मेहता अस्पताल में प्रबंधक कैप्टन रामपाल शर्मा की अध्यक्षता में जागरूकता करते हुए डा. अमृतप्रीत कौर तथा डा. हरप्रीत कौर ने कहा अगर वक्त पर इसका इलाज ना हो तो ये हेपेटोसेलुलर कैंसर का कारण भी बन सकता है। इसी वजह से इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित कर हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। डा. हरप्रीत कौर एवं डा. अमृतप्रीत कौर के मुताबिक हेपेटाइटिस संक्रामक रोगों का एक समूह है, जिसे इसके विभिन्न रूपों, जैसे ए.बी.सी.डी. और ई में विभाजित किया गया है। हेपेटाइटिस आमतौर पर एक वायरल संक्रमण के कारण होता है, लेकिन कई जोखिम कारक भी हैं, जैसे शराब, स्वास्थ्य खराब करने वाले खानों का अत्यधिक सेवन, कुछ दवाएं और चिकित्सीय स्थितियां।
उन्होंने कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हेपेटाइटिस को भारत के लिए एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता बताया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 में लगभग 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी से संक्रमित थे। इसके अलावा हेपेटाइटिस सी से 60 लाख से 1.2 करोड़ लोग संक्रमित थे। उन्होंने कहा दरअसल नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक ब्लमबर्ग का जन्म 28 जुलाई को हुआ था। उन्होंने सबसे पहले हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) की खोज की। इसके बाद उन्होंने इस वायरस का उपचार और टीका भी विकसित किया गया या। जिस वजह से उनकी जयंती पर विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। डा. अमृतप्रीत तथा डा. हरप्रीत कौर ने कहा पिछले कुछ सालों से जीवन शैली में बदलाव, मधुमेह और मोटापे के कारण भी इस रोग में बढ़ोतरी हुई है उन्होंने काहा जंक फ़ूड और फास्ट फ़ूड की आदत ने भी ऐसे रोगों को बढ़ावा दिया है। इस अवसर पर प्रबन्धक कैप्टन राम पाल शर्मा, शाम मुरारी,छज्जू राम तथा अन्य उपस्थित थे।