| होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़): होशियारपुर में सर्विस क्लब के साथ सटती अति बहुमूल्य भूमि पर मैरिज पैलेस बनाने की योजना के तहत जब पुराने सिविल रेस्ट हाउस के परिसर में अंग्रेजों द्वारा लगाए गए 100 वर्ष से अधिक आयु के बड़े-बड़े 80 वृक्ष काटने शुरू हुए तो शहर की विभिन्न संस्थाओं, नेताओं व पर्यावरण प्रेमियों ने इसका डटकर विरोध किया व इसे पर्यावरण से खिलवाड़ व गैर-जरूरी कार्य बताया। परंतु सरकार में स्थानीय मंत्री नेताओं तथा अधिकारियों ने इन सब बातों से वेपरवाह हो कर सरकारी मैरिज पैलेस के निर्माण कार्यों को सर अंजाम दे डाला। स्थानीय विधायक व मंत्री ने कहा था कि गरीब लोगो इस मैरिज पैलेस में ₹5000 में खुशी के व 2500 रुपए में मातम के कार्यक्रम मुफ्त में ए.सी की सहुलत में करने का लाभ मिलेगा । यह बात वर्णन योग्य है कि इस मैरिज पैलेस से 1 किलोमीटर से कम दूरी पर नगर निगम द्वारा पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद के प्रयासों से सामाजिक, धार्मिक तथा अन्य कार्यक्रमों के लिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर एक बड़ा कम्युनिटी सेंटर व कार्यक्रमों के लिए लॉन आदि बनाए गए थे। जिसका गरीब लोग मामूली खर्चे पर लाभ उठा रहे हैं, परंतु समस्या तब खड़ी हुई जब सरकार द्वारा नए मैरिज पैलेस का प्रबंधन बोली द्वारा प्राइवेट ठेकेदार को चुपके से दिया गया। पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद के निवास स्थान पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेताओं जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा, जिला महामंत्री मीनू सेठी, पंचायती राज सेल्ल के अध्यक्ष विजय पठानिया, जिला उपाध्यक्ष सुरेश भाटिया, राकेश सूद, अश्वनी गैंद, जिवेद सूद ने कहा कि मैरिज पैलेस को चुपचाप तरीके से नीलामी के जरिए ठेकेदार को चलाने के लिए देने पर शहर के गरीबों को भारी निराशा तथा धक्का लगा है उन्होंने सोचा था कि आज मंत्री जी की घोषणा के अनुसार यह मैरिज पैलेस गरीबों को कार्यक्रम करने के लिए मुफ्त के भाव पर मिलेगा पर अब स्थिति इसके बिल्कुल उलट नजर आ रही है।
सूद ने प्रेस में बताया कि भूमि तथा इमारत बनाने की कीमत को अगर जोड़ दिया जाए तो इस मैरिज पैलेस की कीमत 20 करोड़ से कहीं ज्यादा बनती है परंतु साढ़े 11 लाख के करीब इसका रिजर्व प्राइस रख के 18 लाख की सलाना कीमत रखकर ठेकेदार से ठेके पर चलाना किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का काम जरूरतमंदों तथा गरीबों की सहायता के लिए प्रोजेक्ट बनाना है ना कि कारोबार चलाने के लिए ठेकेदार को ₹25000 प्रति कार्यक्रम वसूलने के अधिकार देना , दूसरे सारे टैक्स इसके अतिरिक्त रहेंगे। नीलामी की शर्तों के अनुसार ठेकेदार पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी भी नहीं लगाई गई जो कि सरासर गलत है। भाजपा नेताओं ने ठेकेदार सिस्टम को तुरंत बंद करके करके इस सरकारी पैलेस को गरीबों को मुफ्त देने की मांग की तथा कहा कि सरकार ने अगर ठेकेदार द्वारा पैसे वसूल करके इसका प्रबंधन चलाया तो जबरदस्त आंदोलन चलेगा। इस मौके पर पार्षद सुरिंदर पल भट्टी, नरिंदर कौर, संजू अरोड़ा, चिंटू हंस, मोहिंदर पाल सैनी, यशपाल शर्मा, मोहित कैंथ आदि भी उपस्थित थे। Attachments areaReplyReply allForward | |