कोविड महामारी के दौरान जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं सफलतापूर्वक प्रदान की जा रहीं: डॉ. अन्देश कंग

चंडीगढ़(द स्टैलर न्यूज़)। कोविड-19 के दौरान ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में पेश चुनौतियों के मद्देनजऱ पंजाब सरकार द्वारा जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य प्रोग्राम के अधीन मानक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाएं (परिवार कल्याण) डॉ. अन्देश कंग ने अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक के आंकड़ों को साझा किया, जहाँ जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार दर्ज किया गया, कुल 100 फ़ीसदी रजिस्टर्ड गर्भवती महिलाओं में से 98.54 फ़ीसदी प्रसूतियाँ अस्पतालों में हुई हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान मैडीकल स्टाफ ज़्यादातर कोविड सम्बन्धी ड्यूटियों में लगे हुए थे और इसके साथ ही मैडीकल स्टाफ द्वारा अन्य ज़रूरी मैडीकल सेवाएं जैसे कि जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रदान की गईं।

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उन्होंने बताया कि हालाँकि स्वास्थ्य विभाग ने चुनिन्दा सर्जरीयाँ बंद कर दी थीं, परन्तु स्वास्थ्य विभाग के मैडीकल स्टाफ द्वारा कोविड पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ 24&7 जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई गईं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को 108 के द्वारा मुफ़्त पिक एंड ड्रॉप सेवा प्रदान करने के साथ-साथ आम प्रसूतियों के लिए तीन दिन और सिज़ेरियन सैक्शन के लिए सात दिन का भोजन भी मुहैया करवाया जा रहा है। डॉ. अन्देश कंग ने कहा कि ‘‘सुरक्षित डिलीवरी हर माँ और बच्चे का बुनियादी अधिकार है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सेवाओं के अधीन सुरक्षित डिलीवरी सेवा लेने के लिए प्रेरित करके शानदार काम किया गया है।’’ कोविड-19 के कारण स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, परन्तु इस क्षेत्र में लगे स्टाफ की सहायता से लाभार्थी प्रसूतियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं लेने के लिए पहुँच रहे हैं। डॉ. कंग ने कहा कि विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में कोविड-19 दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए लेबर रूमों में पूरी सुरक्षा और देखभाल के साथ कोविड पॉजि़टिव गर्भवती महिलाओं की सफलतापूर्वक प्रसूतियाँ की गई हैं। 

स्टेट प्रोग्राम अफ़सर, एमसीएच डॉ. इन्दरदीप कौर ने कहा कि जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य प्रोग्राम ज़रूरी सेवाओं का हिस्सा है, जिसमें गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन से लेकर बच्चे की डिलीवरी और निर्धारित समय के अनुसार बच्चे का पूरा टीकाकरण करना शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि गर्भावस्था की जल्द और समय पर रजिस्ट्रेशन एक ज़रूरी कदम है, जिसके अंतर्गत एक गर्भवती महिला को पहली तिमाही में रजिस्टर किया जाता है और बच्चे के जन्म से पहले घर में ही 4 बार जाँच करने सम्बन्धी सेवा प्रदान की जाती है। डॉ. कौर ने कहा कि एएनएम और आशा नियमित तौर पर लाभार्थी की गर्भावस्था के दौरान निगरानी करते हैं और उसकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार उसकी प्रसूती सम्बन्धी योजना तैयार की जाती है और प्रसूती के लिए पास के अस्पताल पहुँचने में उसकी सहायता की जाती है।

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