मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने पंजाब को टीकों की सप्लाई में तत्काल 25 प्रतिशत वृद्धि करने के दिए आदेश

दिल्ली(द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा आने वाले त्योहारों के सीज़न के मद्देनजऱ और कोविशील्ड के दूसरे टीके का इंतेज़ार कर रहे 26 लाख लोगों की संख्या को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बुधवार को पंजाब को किए जाने वाले टीकों के वितरण में तत्काल 25 प्रतिशत वृद्धि करने के आदेश दिए। केंद्रीय मंत्री के साथ मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के लिए प्राथमिकता के आधार पर कोविड के टीकों की 55 लाख डोज़ मुहैया किए जाने का अनुरोध किया था। मांडविया ने मुख्यमंत्री को इस सम्बन्ध में पूर्ण मदद का भरोसा दिया और कहा कि हालाँकि अगले महीने से सप्लाई सुविधाजनक हो जाएगी, फिर भी वह 31 अक्टूबर तक राज्य की ज़रूरत पूरी कर देंगे। केंद्रीय मंत्री ने अपने विभाग को पंजाब की तत्काल ज़रूरत को देखते हुए राज्य का कोटा बढ़ाने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपेक्षित सप्लाई से राज्य सरकार रोज़ाना 5-7 लाख लोगों के टीकाकरण का प्रबंध करने में सक्षम हो सकेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगस्त महीने के लिए पंजाब को आवंटित किए गए टीकों की संख्या कोविशील्ड की 20,47,060 डोज़ पर खड़ी है, जबकि 26 लाख डोज़ सिफऱ् उन लोगों के लिए चाहीए हैं जिनका दूसरी बार का टीकाकरण बाकी है। आँकड़ों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब को अन्य राज्यों के मुकाबले काफ़ी कम संख्या में टीकों की आवंटन हुआ है (इसलिए प्रति व्यक्ति टीकाकरण की संख्या भी कम है) और अधिक आबादी की ज़रूरत पूरी करने और इसके साथ ही दूसरों की बराबरी करने के लिए इसमें वृद्धि किए जाने की ज़रूरत है।

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उन्होंने केंद्रीय मंत्री को कोविशील्ड और कोवैक्सीन दोनों की तुरंत सप्लाई किए जाने की विनती की। हरियाणा की प्रति व्यक्ति टीकाकरण की संख्या 7 अगस्त, 2021 तक 35.2 प्रतिशत है, जबकि दिल्ली में यह संख्या 39.4, जम्मू-कश्मीर में 43.7, हिमाचल प्रदेश में 62.0 और राजस्थान में 35.1 प्रतिशत है। इसके उलट पंजाब में यह संख्या सिफऱ् 27.1 प्रतिशत तक ही पहुंच सकी है। मुख्यमंत्री ने इस बात का नोटिस लिया कि 7 अगस्त तक पंजाब को सिफऱ् 1,00,73,821 डोज़ ही मिले, जबकि हरियाणा को 1,27,94,804, दिल्ली को 1,06,79,728, जम्मू-कश्मीर को 66,90,063, हिमाचल प्रदेश को 55,51,177 और राजस्थान को 3,49,54,868 डोज़ हासिल हुए।  मुख्यमंत्री ने अध्ययन के मकसद के लिए पंजाब की कोविन पोर्टल तक पहुँच की भी माँग रखी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मांडविया को रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटीकल के जवाब में बठिंडा में बल्क ड्रग पार्क की स्थापना करने के लिए पंजाब के अनुरोध पर विचार करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अक्टूबर, 2020 को बठिंडा में 1320 एकड़ क्षेत्रफल में ड्रग पार्क के लिए अप्लाई किया था और मंत्री मंडल ने इस लिए आकर्षित रियायतों को मंज़ूरी देने के साथ-साथ केंद्रीय मंत्रालय की सभी शर्तों को भी मंज़ूर कर लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रस्तावित रियायतों में बिजली के लिए 2 रुपए प्रति यूनिट, सी.ई.टी.पी. दरों में 50 रुपए/के.एल., पानी के लिए एक रुपए/के.एल., स्टीम के लिए 50 पैसे के.जी., सॉलिड वेस्ट ट्रीटमैंट के लिए एक किलो/के.जी., वेयरहाऊस दरों में 2 रुपए/सुकैयर और पार्क के सालाना रख-रखाव के लिए एक रुपए/के.जी. की छूट शामिल हैं। इसके अलावा राज्य की औद्योगिक और व्यापार विकास नीति के अंतर्गत मौजूदा रियायतें भी मिलने योग्य होंगी। मीटिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री जिनके पास रसायन और उर्वरक मंत्रालय भी है, के समक्ष मुख्यमंत्री ने राज्य द्वारा संशोधित की गई माँग के मुताबिक पंजाब के लिए डी.ए.पी. के स्टॉक के आवंटन को बढ़ाने की माँग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि सप्लायरों को तय समय के मुताबिक खाद की उचित सप्लाई यकीनी बनाने के लिए आदेश दिए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने मंत्री को बताया कि बीते दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मीटिंग के दौरान भी उन्होंने इन बिंदुओं को उठाया था। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि डी.ए.पी. समय पर उपलब्ध होने से खरीदने संबंधी पैदा होने वाले डर को घटाने और ब्लैक मार्किटिंग को रोकने में बहुत सहायक सिद्ध होगी, क्योंकि इससे राज्य और केंद्र सरकारों के अक्स को चोट पहुँचती है।

फोसफैटिक खादों की कीमतों में हाल ही में हुई वृद्धि जिसको केंद्र सरकार ने 31 अक्टूबर, 2021 तक सब्सिडी में शामिल कर लेने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में डी.ए.पी. की कीमतों में स्थिरता और सब्सिडी की सीमा संबंधी अनिश्चितता आने वाले रबी सीज़न में डी.ए.पी. की संभावित कमी के डर को बढ़ाने का कारण बनती जा रही है।  मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब को रबी के आने वाले सीज़न के लिए 5.5 लाख मीट्रिक टन डी.ए.पी. की ज़रूरत है। राज्य में कुल ज़रूरत की लगभग 50 प्रतिशत खाद सहकारी सभाओं के द्वारा सप्लाई होती है। डी.ए.पी. का उपभोग अक्तूबर के आखिरी हफ्ते से लेकर नवंबर के तीसरे हफ़्ते तक की कम समय-सीमा तक होती है, जबकि 80 प्रतिशत क्षेत्रफल गेहूँ की बिजाई अधीन लाना होता है। इस कारण अक्टूबर के मध्य तक राज्य के अलग-अलग हिस्सों में डी.ए.पी. की आगामी ज़रूरत होती है, जिससे बिल्कुल मौके पर खाद की कमी से बचा जा सके, जिससे बिजाई पर कोई प्रभाव न पड़े।

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