मुख्यमंत्री द्वारा स्टार्ट-अप क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए ‘इनोवेशन मिशन पंजाब’ की शुरुआत

चंडीगड़(द स्टैलर न्यूज़)। उद्यमिता और औद्योगिक क्षेत्र में पंजाब की अनगिणत संभावनाओं का अच्छी तरह इस्तेमाल करने के मकसद से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को ‘इनोवेशन मिशन पंजाब’ (आई.एम.पंजाब) की शुरुआत की जो कि पी.पी.पी. (पब्लिक प्राईवेट हिस्सेदारी) पर आधारित होगा जिससे राज्य में दुनिया भर से निवेशकारों को आकर्षित करने और स्टार्ट-अप क्षेत्र को और मज़बूत करने में मदद मिलेगी जिससे राज्य इस अलग क्षेत्र में चोटी के तीन राज्यों में शुमार हो जायेगा। वर्चुअल तौर पर इस समागम में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिशन रूपी निवेकली पहल से राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी और नौकरियाँ पैदा होने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा निवेश भी राज्य में आऐगा।

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उन्होंने आगे कहा कि इस मिशन के अंतर्गत बाज़ार तक पहुँच बनाने, निवेश के लिए हिस्सेदार तलाश करने और स्टार्ट-अप शुरू करने सम्बन्धी जानकारी देने के लिए प्रयासों किये जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि इस उद्यम में विदेशों में बसते पंजाबी भाईचारे को भी हिस्सेदार बनाया जायेगा और महिलाओं में उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देने के लिए भी कोशिशें की जाएंगी। इस मौके पर एक बड़े स्तर पर ‘आईडियाथॉन’ (विचार-चर्चा) करवाने का भी फ़ैसला किया गया जिसमें राज्य भर से विद्यार्थी, नौजवान पेशा माहिर, उभरते उद्यमी हिस्सा लेंगे। पंजाब को भारत और दुनिया भर में एक मज़बूत औद्योगिक और उद्यमी राज्य के तौर पर पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 450 स्टार्ट-अप और 20 से ज़्यादा इनक्यूबेटर मौजूद हैं जिनके ढांचे को और मज़बूती प्रदान करने के लिए इनोवेशन मिशन पंजाब की तरफ से इससे जुड़े सभी पक्षां जैसे कि निवेशक, प्रगतिशील किसान, मीडिया, कॉर्पोरेट जगत, सरकार और अकादमिक की मदद ली जायेगी।

 मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह पृथक मिशन सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की हिस्सेदारी के साथ आगे बढ़ेगा और इसके भागीदारों के तौर पर कृषि, उद्योग और वाणिज्य विभाग, मंडी बोर्ड और स्टार्ट-अप पंजाब की तरफ से पहले तीन वर्षों के लिए चालू खर्चों के तौर पर नकद और अन्य वस्तुओं के रूप में 30 करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद मुहैया करवाई जायेगी। इसके इलावा कालकट भवन में 12000 वर्ग फुट की जगह 10 बरसों के लिए बिना किराये से पटटे पर देकर राज्य के स्टार्ट-अप की मदद की जायेगी। इस मिशन के तीन पक्ष हैं। पहला पक्ष है पॉलीनेटर जिसमें वर्चुअल इनक्यूबेटरों का एक नैटवर्क स्थापित करके बुट्ट कैंप, आईडियाथॉन आदि कई समागम करवाए जाते हैं जिससे एक समर्थ स्टार्ट-अप ढांचा विकसित हो सके। दूसरा पक्ष है ऐकसैलरेटर जिसमें नये स्टार्ट-अप शुरू करने वालों को माहिरों की तरफ से उनके स्टार्ट-अप से सबंधित क्षेत्रों के बारे और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यह ऐकसैलरेटर कालकट भवन में स्थापित होगा और तीसरा पक्ष वैनचर फंड का होगा जिसके अंतर्गत 150 करोड़ रुपए की मदद नये स्टार्ट-अप को प्रदान की जायेगी जिससे वह और विकसित हो सकें। राज्य सरकार की तरफ से कॉर्प्स (कोष) में से 10 प्रतिशत हिस्सा और 10 करोड़ रुपए तक की गारंटी मूलभूत दौर में निवेश करने वालों को मुहैया की जायेगी। 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह मिशन स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा और बायोटैक, ख़ाद्य और कृषि, उत्पादन और मीडिया और मनोरंजन आदि क्षेत्रों की तरफ विशेष ध्यान देगा जोकि पंजाब का मज़बूत पक्ष हैं। इस मौके पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मोंटेक सिंह आहलूवालीया ने स्टार्ट-अप क्षेत्र में नवीन पेशकदमियां किये जाने को बेहद अहम करार देते हुये कहा कि यह इनोवेशन मिशन वास्तव में तब रफ़्तार पकड़ेगा जब कोविड का प्रभाव धीमा पड़ने के बाद स्थिति आम जैसी होगी। उन्होंने स्टार्ट-अप क्षेत्र में डिजिटल कनेक्टीवीटी और आर्टीफिशल इंटेलिजेंस को अहम पक्ष बताया। इस समय मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि स्टार्ट-अप क्षेत्र एक नया क्षेत्र है और इसमें पंजाब के उभरने का समय आ चुका है। उन्होंने आगे बताया कि 2017 में नयी व्यापारिक नीति बनाते समय स्टार्ट-अप को प्रमुखता दी गई थी। उन्होंने नये स्टार्ट-अप को पंजाब में बड़े स्तर पर निवेश करने का न्योता भी दिया।

इस मौके पर मिशन के मकसद संबंधी जानकारी देते हुए जैनपैकट और आशा इम्पैक्ट के संस्थापक और प्रमोद भसीण ने कहा, ‘‘स्टार्ट-अप इस समय औद्योगिक क्षेत्र में एक अहम स्थान हासिल कर चुके हैं और मोहाली, चण्डीगढ़ और लुधियाना में स्टार्ट-अप के प्रमुख केन्द्रों के तौर पर उभर कर सामने आने की प्रतिभा है। पंजाब को इस क्षेत्र में सांसारिक स्तर पर ले जाने के लिए और उद्यमीकरण समर्थकीय माहौल बनाने के लिए निवेशकों, उद्योग जगत और अन्य सबंधित पक्षों के साथ तालमेल किया जायेगा।’’इस मौके पर सिकोइया कैपिटल के मैनेजिंग डायरैक्टर राजन आनंदन, स्नैपडील के सह -संस्थापक और सी.ई.ओ. कुणाल बहल और सोक्सोहो कंपनी की संस्थापक प्रीतिका मेहता ने भी अपने विचार रखे। 

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