पंजाब एससी आयोग ने गाँवों, शहरों और अन्य स्थानों के जाति-आधारित नाम हटाने के लिए मुख्य सचिव को लिखा पत्र

चंडीगढ़ (द स्टैलर न्यूज़)। पंजाब राज अनुसूचित जाति आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती तेजिन्दर कौर ने मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन को पत्र लिख कर गाँवों, शहरों और अन्य स्थानों के जाति-आधारित रखे गए नामों को हटाने और दफ़्तरी कामकाज में हरिजन और गिरीजन शब्द के प्रयोग से गुरेज़ करने सम्बन्धी सरकार की साल 2017 में जारी हिदायतों की राज्य में यथावत पालना यकीनी बनाने के लिए कहा है। पंजाब राज अनुसूचित जाति आयोग की चेयरपर्सन श्रीमती तेजिन्दर कौर आई.ए.एस. (सेवामुक्त) ने बताया कि अनुसूचित जातियों से सम्बन्धित विभिन्न जत्थेबंदियों द्वारा आयोग के ध्यान में लाया गया है कि राज्य के बहुत से गाँवों, शहरों, स्कूलों, मुहल्लों, बस्तियों, गलियों, धर्मशालाओं और सोसायटियों के नाम जातिसूचक रखे हुए हैं जबकि भारत सरकार की 16 अगस्त, 1990 की हिदायतों के सम्मुख पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग (आरक्षण सैल) द्वारा 28 जुलाई, 2017 को राज्य के समूह मुखियों को जारी पत्र के द्वारा लिखा गया था कि अनुसूचित जाति /अनुसूचित कबीलों के सर्टीफ़िकेटों, दफ़्तरी कामकाज में हरिजन और गिरीजन शब्द का प्रयोग करने से गुरेज़ किया जाये।

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चेयरपर्सन ने मुख्य सचिव को इस मामले में निजी दख़ल देने के लिए लिखते हुये जहाँ दफ़्तरी कामकाज में हरिजन और गिरीजन शब्दों के प्रयोग से गुरेज़ करने के लिए कहा है, वहीं जाति-आधारित नामों वाले गाँवों /शहरों, शैक्षिक संस्थाओं, मुहल्लों, बस्तियों, गलियों, धर्मशालाओं और सोसायटियों के नाम बदलना यकीनी बनाने के लिए सम्बन्धित विभागों जैसे राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग और रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं विभाग को ज़रुरी दिशा-निर्देश जारी करने के लिये भी लिखा है।
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