होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। गांव झंजोवाल के किसान सतपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने पहली बार पिछले वर्ष लेबर की कमी के दौरान सीधी बिजाई तकनीक के बारे में सफल अनुभव किया था। कई मुश्किलों का सामना करने के बाद, इस तकनीक से संतुष्ट होकर उन्होंने इस बार इस तकनीक के अंतर्गत 5 एकड़ रकबा कवर किया है। अब वे अन्य किसानों को भी पानी की बचत के लिए इस तकनीक को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से बीते दिन गांव झंजोवाल में धान की सीधी बिजाई संबंधी खेत दिवस का आयोजन के दौरान किसानों से अपने अनुभव सांझे कर रहे थे। सिर्फ सतपाल सिंह ही नहीं बल्कि ऐसे कई किसानों ने सीधी बिजाई की तकनीक को अपनाया है।
गांव झंजोवाल में आयोजित कैंप में कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर(ट्रेनिंग) डा. मनिंदर सिंह बौंस ने आए हुए किसानों को पानी के गिरते जल स्तर को बचाने के लिए धान की सीधी बिजाई विधि अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बतायाा कि इस कैंप का मुख्य उद्देश्य किसानों को इस विधि के बारे में जागरुक करना है व उनको प्रत्यक्ष रुप में सीधी बिजाई किए खेतों की प्रदर्शनी की कारगुजारी संबंधी रुबरु करना है। डा. बौंस ने किसानी के प्रति कृषि विज्ञान केंद्र की सेवाओं पर प्रकाश डाला व किसानों को इसका पूरा लाभ लेने के लिए कहा। उन्होंने पानी के कम प्रयोग करने वाली खरीफ फसलों मक्की, मूंगफली, तिल, सोयाबीन, पेठा, अरहर आदि की काश्त व उन्नत किस्मों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने खरीफ की फसलों के सर्वपक्षीय कीट प्रबंध के बारे में जानकारी दी।
केंद्र के सहयोगी प्रोफेसर(फसल विज्ञान) डा. गुरप्रताप सिंह ने सीधी बिजाई तकनीक के फायदों व सीधी बिजाई के माध्यम से धान की सफल काश्त, खादों का प्रयोग व नदीन प्रबंध के बारे में बताया व सीधी बिजाई को बड़े स्तर पर अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने प्राकृतिक ोतों की संभाल व पानी के सुचारु प्रयोग पर भी जोर दिया। सहायक प्रोफेसर(सब्जी विज्ञान) डा. सुखविंदर सिंह औलख ने पौष्टिक फल बगीची, सब्जियों की घरेलू बगीची व मशरुम की काश्त के फायदों व उत्पादन तकनीकों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों को संतुलित खुराक व घर बगीची अपनाने के लिए कहा। डा. औलख ने आलूू व मटर की काश्त के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके पर गांव झंजोवाल के सरपंच मनदीप कौर, सतपाल सिंह, गुरनाम सिंह नंबरदार, जगीर सिंह, सतविंदर सिंह, जगदीप सिंह, सोनू, गांव रामपुर से जसविंदर सिंह, दिलबाग सिंह व जोगिंदर पाल व गांव आलमवाल से इंदरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह आदि ने शमूलियत की व अपने संदेहों के बारे में माहिरों से विचार सांझे किए। इस दौरान किसानों की सुविधा के लिए सब्जियों की किटें, तोरिया व गाजर के बीज, पशु चाट ईंट व कृषि साहित्य भी उपलब्ध करवाए गए।