प्रदेश में उपचुनाव टालने बीजेपी को पड़ेंगे बहुत महंगे: राजेंद्र राणा

हमीरपुर (स्टैलर न्यूज़), रिपोर्ट: रजनीश शर्मा: अपनी नाकामियों को छिपाने व संविधान को नजरअंदाज करके सेब, बरसात व त्योहारी सीजन की बहानेबाजी करके प्रदेश में उपचुनाव को रोकने की साजिश करने वाली बीजेपी अगर प्रदेश की जनता के हितों की पैरवी नहीं कर पा रही है तो तत्काल गद्दी छोड़े। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि प्रदेश की जिस जनता ने बीजेपी को प्रचंड जनादेश देकर सत्ता सौंपी है, उसी सत्ता को अब बीजेपी ने जनता को सताने का जरिया बना डाला है। प्रदेश में मंडी संसदीय हल्के के साथ तीन विधानसभा क्षेत्र बिना प्रतिनिधित्व के विरान व सुनसान पड़े हैं। लेकिन अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए संविधान को नजरअंदाज करके बीजेपी सरकार ने प्रदेश में उपचुनाव रोककर एक नई अति कर दी है। राणा ने कहा कि लोकतंत्र की मर्यादाओं का हनन करते हुए बीजेपी जहां एक ओर बरसात, सेब व त्योहारों के सीजन का बहाना लगाकर आधे हिमाचल को प्रतिनिधित्व विहीन करने की साजिश रचने में कामयाब हुई है।

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वहीं दूसरी ओर अपनी हार को भी कुछ ओर समय टालने में सफल हुई है। राणा ने कहा कि बीजेपी याद रखे कि अब प्रदेश की जनता सियासी तौर पर पहले से ज्यादा सजग व समझदार हो चुकी है। इसलिए बीजेपी का हर पैंतरा व एजेंडा प्रदेश की जनता की नजर में है। चुनाव आज हों या कल बीजेपी समझ चुकी है कि उपचुनावों में उसे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ेगा जो कि आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी बीजेपी को सीधा व स्पष्ट संकेत होगा। जनादेश के दम पर हासिल सत्ता की शक्तियों का दुरुपयोग करना प्रदेश में बीजेपी की सत्ता को समाप्त करने का कारण बनेगा। इतिहास गवाह है कि जब-जब किसी सत्ताधारी ने सत्ता शक्तियों के दम पर जनता का अहित किया है तो न वो सत्ताधारी बचा है, न ही उसकी शक्तियां बची हैं।

राणा ने कहा कि यही गुनाह प्रचंड जनादेश के दम पर सत्ता हासिल करने वाली बीजपी लगातार कर रही है। जिसकी सजा प्रदेश की जनता बीजेपी को देगी और जरूर देगी। राणा ने कहा कि दरअसल में लगातार चली अपनी नाकामियों के खौफ से जनता की नाराजगी का सामने करने से बीजेपी कतरा रही है और इसी मंशा से प्रदेश की करीब आधी आबादी को प्रतिनिधित्व विहीन करने का एजेंडा बीजेपी ने सेट किया है। जो कि लोकतंत्र की मर्यादाओं का हनन ही नहीं जनता के जनादेश का भी अपमान है।

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