पंजाब में जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तब से कई अधिकारी इधर से उधर हो चुके हैं तथा अब तो ऐसा समय आया कि सरकार ही बदल गई। लेकिन जिला होशियारपुर की बात करें तो यहां की एक सब तहसील में लंबे समय से बैठे दो अधिकारी ऐसे हैं, न जाने उनकी कुर्सी पर कौन सा फैवीकोल लगा हुआ है, जो उन्हें छोड़ता ही नहीं या फिर साहिब खुद वहां से हिलना नहीं चाहते। अपने राजनीतिक आका की छतरछाया में खूब फल-फूल रहे इन अधिकारियों की जितनी सिफ्त की जाए कम है। आलम ये है कि इनके ऊपर के अधिकारी भी बदल गए, लेकिन मजाल है किसी की जो इन्हें हिला सके। लोगों द्वारा कई बार शिकायतें आदि किए जाने के बावजूद आज तक इनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाया। जिसके चलते इन अधिकारियों की खूब पौं-बारां हो रही है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार अगर इनकी संपत्ति की जांच करवाई जाए तो सारा सच जनता के सामने होगा। बशर्ते कि जांच करने वाला भी इंसानियत और अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदारी दिखाए। अन्यथा कहवात वही चरितार्थ होगी कि “पंचां दा केहा सिर मत्थे, पर नाला उत्थे दा उत्थे”। क्योंकि एक अधिकारी के लिए माइनिंग हो या केस रफा दफा करने की बात हो तो दूसरे अधिकारी के लिए राजस्व विभाग से जुड़ा कोई काम हो। अपने आका के यैस मैन ये साहिब ऐसे हैं कि मजाल है कोई काम “नामा” के बिना हो जाए।
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अब तो आलम यह है कि इन अधिकारियों को लेकर जहां इनके विभाग में चर्चाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म है वहीं दूसरी तरफ आम जनता में भी इन्हें व इनकी पहुंच के कारण तहसील में खेला जा रहा खेल सरकार की छवि को ठेस पहुंचाने वाला बनता जा रहा है। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने पदभार संभालते ही जिस प्रकार के तेवर दिखाने शुरु कर दिए हैं, उससे जनता को अच्छे दिनों की अनुभूति होने का एहसास होने लगा है तथा जनता पूरी तरह से आशावान है कि पंजाब कांग्रेस के नए पंजाब प्रधान और मुख्यमंत्री जनता की आशाओं पर खरा उतरने के लिए जनता की आवाज़ जरुर सुनेंगे। अब, देखना यह होगा कि लंबे समय से कुर्सियों पर कब्जा जमाए बैठे इन अधिकारियों पर इनकी नजऱे इनायत कब होती है।
तब तक के लिए मुझे दीजिए आज्ञा। क्या, कौन से अधिकारी हैं, किस तहसील के हैं और उनका आका कौन है? मु॰ की बात है?? फिर वही सवाल, अब ऐसे सवाल पूछोगे तो मेरा एक ही जवाब होगा कि पहेली को हल करना भी सीखो। मैं बता दूंगा तो आप क्या करोगे। यूं ही इशारों में बात कह जाता हूं और आप भी इशारों को समझा करो। अब आप देखिये कि जिले की कौन सी तहसील है जहां लंबे समय से दो अधिकारी खूब मजे से जमें बैठे हैं, फिर आका का भी पता चल जाएगा। अब मैं तो चला। जय राम जी की।