होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। इस साल डेंगू की बीमारी ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। नित्य-प्रति डेंगू के नए मामले आते-आते मरीजों की संख्या कुछ ही दिनों में 900 से ऊपर पहुंच गई है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक ना करना तथा सरकार की तरफ से डेंगू मच्छर व डेंगू के विरूद्ध कार्रवाई में भारी कमी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि डेंगू की शिकायत ना होते हुए भी 2016-2017 में प्राइवेट फागिंग मशीन लेकर घूमते हुए सत्ता पार्टी के नेता पता नहीं कहां गुम हो गए हैं। प्रशासन तथा सत्ता धारियों का काम केवल निर्देश जारी करने तक ही सीमित रह गया है। ना ही लारवा को मारने के लिए सेहत विभाग सक्रिय है तथा ना ही मच्छर को मारने के लिए जरूरत के मुताबिक फागिंग हो रही है। सूद ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को ना ही बिस्तर मिल रहे हैं और ना ही प्लेटलेट्स उपलब्ध हो रहे हैं। डेंगू के मामले में निगम तथा सरकारी प्रशासन हाथ खड़े कर के मैदान छोड़ चुका है।
पिछले दिनों नई सोच संस्था द्वारा फागिंग का निजी तौर पर कार्य शुरू करवाए जाने से लोगों को कुछ राहत मिली है। परंतु इस संस्था के पास फागिंग के लिए मांग की लम्बी लिस्ट देखते हुए ऐसे लगता है कि इस मामले में निगम तथा सरकारीतंत्र लड़खड़ा चुका है। सूद ने आरोप लगाया है कि डेंगू से होने वाले लोगों के जानी और माली नुकसान की सीधी-सीधी जिम्मेवार नगर निगम व स्थानीय प्रशासन है। डेंगू से होने वाली मौतों के लिए ना केवल प्रशासन से जवाबदेही की जाए परंतु उसपर दीवानी तथा फौजदारी जिम्मेदारी भी तय की जाए। सूद ने कहा कि नई सोच संस्था के अभूतपूर्व कार्य को देखते हुए जल्द ही एक और फॉगिंग मशीन लेकर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डेंगू को हलके में लेना तथा प्रशासन द्वारा हाथ पर हाथ रख कर बिमारी फैलने देना व मौतों का इंतजार करना अति निंदनीय तथा आपराधिक कृत्य है।