होशियारपुर (द स्टैलर न्यूज़)। मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने सबसे पहला ऐलान गरीबों को 300यूनिट फ्री बिजली का वायदा किया था।इस ऐलान के बाद लोगों ने इस उम्मीद में बिजली के बिल जमा करवाने बंद कर दिए कि मुख्यमंत्री चन्नी फ्री बिजली के साथ साथ पुराने बिल भी माफ करने जा रहे है।इस घोषणा पर तो अमल नही हुआ,परन्तु फ्री बिजली की बजाय भारी बिजली कटों की सौगात मिलनी शुरू हो गई है।उक्त विचार भाजपा नेताओं पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद,जिलाध्यक्ष निपुण शर्मा,प्रदेश भाजपा पंचायती राज सेल अध्यक्ष विजय पठानिया ने संयुक्त तौर पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहे। तीक्ष्ण सूद ने कहा कि बिजली का मुद्दा कांग्रेस सरकार ने 2017 के विधानसभा चुनावों में अकाली-भाजपा सरकार के समय हुए बिजली समझौतों को रद्द करके सस्ती बिजली दिलवाने के वायदे के साथ निभाया था यह भी आरोप लगाया था कि अकालियों ने बिजली समझौतों में घपलेबाजी की है तथा कांग्रेस की सरकार बनते ही कार्रवाई होगी और समझौते रद्द होंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा भी कर दी थी कि बिजली समझौते रद्द किए जाए।न तो अभी बिजली मुफ्त मिली न ही उद्योगों को सस्ती बिजली,न ही बिजली समझौते रद्द हुए है।कांग्रेस के आरोपों के अनुसार अगर अकालियों ने बिजली समझौतों में घपलेबाजी की थी तो उन समझौतों को रद्द न करने में कौन सी अड़चन आ रही है पंजाब सरकार स्पष्ठ करें।सूद ने कहा कि लोगों को तो नियमित सस्ती बिजली चाहिए।मुफ्त बिजली की मांग तो अभी की भी नही,इस लिए बिजली मुद्दे को बेबजह वोट बैंक के लिए उपयोग किया जा रहा है।इन अघोषित कटों के कारण प्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई है।जनता को इस संकट से निजात दिलाने के लिए चन्नी सरकार ठोस कदम उठाए।